जय श्री राम के नारे को भड़काने वाला घोष भी बताया गया लेकिन आज देश के 61 कलाकारों ने तथाकथित बुद्धिजीवी बिग्रेड को उन्ही की स्टाइल में बड़ा आईना दिखाया। प्रसून जोशी, सोनल मानसिंह, कंगाल विद्रोही, विवेक अग्निहोत्री, अशोक पंडित और पल्लवी जोशी जैसे कलाकारों ने बुद्धिजीवी ब्रिगेड से पूछा है कि जब पवित्रा को माओवादी बाजार पसंद हैं तब ये चुप क्यों रहते हैं? जब कश्मीर में इंटरनैशनल स्कूल बंद करवाते हैं तो उनके मुंह से कोई शब्द नहीं निकला। जेएनयू में जब देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले नारे लगाए जाते हैं तो कहां-कहां छुपे जाते हैं, क्या कथित तौर पर बुद्धिजीवी ब्रिगेड और अवॉर्ड गैंग देश की गलत छवि बनाने की प्रैक्टिस करते हैं। आज इसी तरह जनता के बीच होगा सबसे बड़ा आर पार।
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