दुशांबे: नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, रविवार को ताजिकिस्तान में 4.2 भूकंप का झटका आया। भूकंप 2:56 अपराह्न (IST), 37.72 भूकंप और 72.12 देशांतर पर आया। एनटीएस के अनुसार भूकंप की गहराई 95 किलोमीटर दर्ज की गई। इससे पहले मई में ताजिकिस्तान में 4.3 भूकंप का भूकंप आया था, गहराई 50 किमी दर्ज की गई थी। भूकंप से किसी भी तरह के जनमल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है. भारत के मेघालय और बांग्लादेश के उत्तरी क्षेत्र में भी सोमवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किये गये। रिक्टर स्केल पर इसकी रीडिंग 5.4 मापी गई।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि भूकंप रात 8.19 बजे आया। यह मेघालय में चेरापूंजी से 49 किमी दक्षिण-पूर्व में महसूस किया गया। भूकंप की गहराई 16 किलोमीटर थी. क्षेत्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र बांग्लादेश में था, जो मेघालय के पश्चिमी जैंतिया हिल्स जिले के डौकी क्षेत्र के करीब था। भूकंप का झटका मेघालय के अलावा असम और पश्चिम बंगाल के कुछ आदर्शों में भी महसूस किया गया। भारत के अंतिम राज्य उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आते हैं। इन आंकड़ों में बार-बार भूकंप के संकेत महसूस किये जाते हैं।
भूकंप क्यों आता है, कैसे पहचाना जाता है?
भूवैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप की असली वजह टेक्टोनिक वैज्ञानिकों में तेजी से हलचल होती है। इसके अलावा माइन टेस्टिंग, वोल्केनिक इरप्शन और फैक्टर्स टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। जब धरती के नीचे की सतह में टेक्टोनिक प्लेटें विशेष रूप से खंडित होती हैं या टूटती हैं तो ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो बाहर का रास्ता खोजती है। यह ऊर्जा उत्पन्न करने वाली उत्पत्ति है, इसे ही भूकंप का केंद्र कहा जाता है। इसे हाइपरसेंटर भी कहते हैं. यह धरती के लिथोस्फीयर में ऊर्जा की अचानक रिलीज होने वाली वजह से बनने वाली सिस्मिक वेव से होती है।
भूकंप के लक्षणों और समय का पता लगाने के लिए सिस्मोग्राफ का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा रिक्टर स्कैन के तरंगों की तरंगों का पैमाना रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्कैन कहा जाता है। रिक्टर स्कैन पर जब .0 से 1.9 दर्द का भूकंप आता है तो यह सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है। वहीं .2 से 2.9 का भूकंप आता है तो प्रभाव ठंडा होता है, जो पता नहीं चलता. जब .3 से 3.9 दर्द के बीच का भूकंप आता है, तो ऐसा होता है, जैसे कोई ट्रक के आपके सामने से टकराता है।
रिक्टर स्कैंडल पर जब .4 से 4.9 एंजल्स का भूकंप आता है तो दीवारों पर टैंग फ्रेम गिर सकता है। भूकंप के झटके .5 से 5.9 के बीच पर हैं घरों के फर्नीचर, पुर्तगाल हिलते हैं। वहीं रिक्टर स्कैल पर .6 से 6.9 के बीच के दौरे का भूकंप स्कूल की ओर से सूचीबद्ध डारक हो सकता है। जब यह क्लिप्स .7 से 7.9 के बीच की होती है तो तबाह हो जाती है। रिक्टर स्कैंडल पर 8 से 8. 9 भूकंप का भूकंप आने वाली कंपनी में बड़े पुल और काफी मजबूत बुनियादी ढांचे भी शामिल हैं। इस साल फरवरी में तुर्किये में 7.2 साल का भूकंप आया था, बड़े पैमाने पर तबाही मची थी और लाखों लोगों की जान चली गई थी।
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पहले प्रकाशित : 16 अगस्त, 2023, 05:56 IST
