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मृत समझ घरवालों ने दफना दिया, 11 दिन बाद ताबूत से जिंदा निकली महिला, क्या है सच्चाई, जानें


नवीस: ब्राजील से एक चौंकाने वाली खबर आई है. एक महिला के परिजनों का कहना है कि गलती से उन्हें मृत समझ कर दफना दिया गया था, जबकि वह जिंदा थीं. 37 वर्षीय रोसेंगेला अल्मेडा, ब्राजील की नवीस की रहने वाली हैं. साल 2018 में रोसेंगेला अल्मेडा को सेप्टिक शॉक की वजह से दो-दो हार्ट अटैक आए थे, ऐसा उनके मृत्यु प्रमाणपत्र पर लिखा हुआ है. लेकिन, उनके परिजनों का कहना है कि दफनाने के दौरान वह होश में थीं.

अल्मेडा दफन होने के 11 दिनों के बाद जिंदा वापस लौट आईं. उनके परिजनों ने दावा किया, ‘अल्मेडा कॉफिन में 11 दिनों तक बेसुध पड़ी रहीं.’ काफी ज्यादा बेचैन कर देने वाले सबूत मिलने के बाद परिजनों ने इसके लिए कई दावे किए. कब्रिस्तान जाने वाले लोगों ने भी दावा किया है कि जहां अल्मेडा को दफनाया गया था, वहां अंदर से चिल्लाने और कॉफिन पर मुक्के मारने की लगातार आवाज आ रही थीं. वहीं, जानकारी मिलने के बाद, उनके परिजन कब्रिस्तान की ओर भागे.

एक शख्स ने बताया- ‘जब मैं वहां से गुजर रहा था तो मुझे कब्र से मुक्के मारने की अवाज सुनाई दी. मुझे लगा, वहां बच्चे मेरे साथ कोई प्रैंक कर रहे हैं. मुझे उसके अंदर से दो बार कराहने की आवाज सुनाई दी, उसके बाद वह बंद हो गयी.’ न केवल कराहने और पीटने की आवाज थी, बल्कि ताबूत की जांच करने के बाद परिजनों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए.

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ताबूत (कॉफिन) के अंदर, कई चौंकाने वाली चीजें मिलीं. पहला कि ताबूत का ढक्कन काफी ढीला हो गया था. अंदर से खून के निशान, कीलें और उसके साथ-साथ महिला की कलाई और माथे पर चोट के निशान थे. वहीं, परिजनों ने बताया कि, दफनाने के पहले उनके हाथ पर चोट के निशान नहीं थे. हालांकि, अल्मेडा ने बताया कि, ताबूत पर लगातार पीटने की वजह से उसकी कीलें ढीली पड़ गई थीं और उसी वजह से उनके हाथों में चोट आ गई थी.

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