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स्‍कूल की जगह शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स! दिल्‍ली हाई कोर्ट ने MCD से मांगी अनुमति की डिटेल


नई दिल्‍ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने करोल बाग की बैंक स्‍ट्रीट के एक प्राइमरी स्‍कूल को ध्‍वस्‍त करने और उसके स्‍थान पर कॉमर्शियल शॉप्‍स, फूड कोर्ट और मल्‍टी लेवल पार्किंग का निर्माण करने की योजना पर दिल्‍ली नगर निगम से प्रासंगिक वैधानिक प्रावधान मांगे हैं. वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एमसीडी से सक्षम प्राधिकारी को भूमि उपयोग बदलने की अनुमति देने वाले प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों का विवरण पेश करने का निर्देश दिया है.

जस्टिस सतीश चंदर शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने 14 अगस्त को एक आदेश में एमसीडी को बिजली के स्रोत और बदलाव की अनुमति के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में बताते हुए चार सप्ताह की अवधि के भीतर एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने का समय दिया. अदालत ने एमसीडी को सक्षम प्राधिकारी (संबंधित वैधानिक प्रावधानों के साथ) के बारे में विवरण पेश करने का निर्देश दिया, जो दिल्ली के मास्टर प्लान के तहत भूमि उपयोग में बदलाव की अनुमति देने में सक्षम है.

अगली सुनवाई 18 सितंबर को
एमसीडी द्वारा दायर पहले के हलफनामे से पता चला है कि मल्टी-लेवल कार पार्किंग के निर्माण स्थल पर भूमि का उपयोग ‘भाग आवासीय और आंशिक सार्वजनिक अर्ध-सार्वजनिक (पुलिस स्टेशन)’ से बदलकर ‘मल्टीलेवल कार पार्किंग’ कर दिया गया है. अदालत ने एमसीडी को और विवरण पेश करने के लिए और समय देते हुए मामले पर अगली सुनवाई 18 सितंबर को तय की. इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्माण, संचालन और रखरखाव को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर नोटिस जारी किया था.

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मुद्दे की जांच होगी और संबंधित पक्षों से मांगेंगे प्रतिक्रिया
इस बीच, पूर्ववर्ती पीठ ने कहा, “हम निश्चित रूप से इस मुद्दे की जांच करेंगे और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दिल्ली सरकार, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) और ओएमटेक कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की प्रतिक्रिया मांगेंगे.” सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने ‘भूमि उपयोग’ में बदलाव और स्कूल की जमीन पर निर्माण के फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा, ”बच्चों की शिक्षा की कीमत पर भीड़भाड़ कम नहीं की जा सकती. यदि संबंधित निगम इस स्कूल को चलाने में असमर्थ है, तो हम (दिल्ली सरकार) इसे चलाने को तैयार हैं.”

वकील अमित साहनी ने याचिका में किए हैं कई खुलासे
सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी ने प्रस्तुत किया कि एमसीडी ने अक्टूबर 2021 में नगरपालिका स्कूल भवन को ध्वस्त करके एक बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधा का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया था. मल्टी-लेवल पार्किंग सुविधा के निर्माण के लिए दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों की आड़ में 4200 वर्ग मीटर में फैली स्कूल की जमीन को ओमटेक को 181 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था. याचिका में कहा गया है कि 2019 में, नगर निगम ने छात्रों को शिव नगर के दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करके स्कूल भवन का उपयोग बंद कर दिया, जिसकी माप केवल 1420 वर्ग मीटर थी, जो पिछले भवन की तुलना में आकार में बहुत छोटा है और इसमें बुनियादी ढांचा तक नहीं है.

Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi MCD



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