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जापान को F-16 के बारे में अमेरिका का फैसला… तो रूस ने चला दिया बड़ा दांव, भारत-चीन को बुलाया इस मकसद से


वॉशिंगटन। अमेरिका (US) ने डेनिश और नीदरलैंड से जापानी (यूक्रेन) को F-16 लड़ाकू विमानों के नमूनों को मंजूरी दे दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन खतरनाक लड़ाकू जेट विमानों का उद्देश्य जापान के जंग के खिलाफ रूस की सेना की हवाई सुरक्षा को मजबूत करना है। एक अमेरिकी अधिकारी के बयान में कहा गया है कि यूक्रेन के पायलटों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वहां एफ-16 पासपोर्ट का लेबल होगा। यूक्रेन में लंबे समय से रूस के प्रभुत्व का जवाब क्षमता बढ़ाने के लिए दिया गया है, अमेरिका द्वारा निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमानों को नीचे दिए गए अपने जाने की सूची में शामिल किया गया है।

अमेरिका ने साफ़ सफाई देते हुए कहा कि वह जापानी F-16 लड़ाकू विमान की प्रक्रिया में तेजी से उछाल। इसके बारे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डेनमार्क और नीदरलैंड के विदेश मंत्री को पत्र भी भेजा है। ब्लिंकन ने दोनों को एक पत्र में लिखा है कि ‘मैं जापान के एफ-16 लड़ाकू विमानों को अमेरिका के पूर्ण समर्थित जापानी पायलटों के प्रशिक्षण के लिए और उपयुक्त एफ-16 प्रशिक्षकों को देने के लिए लिख रहा हूं।’ ब्लिंकन ने कहा कि ‘यह महत्वपूर्ण है कि जापानी इस समय संप्रभुता पर चल रहे रूसी हमलों के खिलाफ खुद का बचाव करने में सक्षम हो।’ मान्यता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने मई में जापानी पायलटों के लिए F-16 पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समर्थन किया था। बिजनेस F-16 की शुरूआत के लिए कोई समय नहीं दिया गया था।

Su-75 चेकमेट प्रोग्राम भारत और चीन को बुलाया गया
वहीं एक बड़े कदम के रूप में रूस ने अपनी पांचवीं पीढ़ी के सिंगल-सीट वाले शौक़ीन एफिलिएट विमान Su-75 चेकमेट के विकास कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत (भारत) और कंपनी (चीन) को शामिल किया है। Su-75 चेकमेट के डिजाइन में हाल ही में बड़े बदलाव किए गए हैं। जिसमें दो संस्करण वाला एक भिन्न और एक मानव भिन्न भिन्न का विकास भी शामिल है। Su-75 चेकमेट यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) की सहायक कंपनी सुखोई की योजना है। यह उन्नत लड़ाकू विमान नई पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान रूस का प्रतिनिधि विमान है।

Su-57 की अगली पीढ़ी का फाइटर जेट
भारतीय रक्षा अनुसंधान विंग (इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग) की एक रिपोर्ट के अनुसार Su-75 चेकमेट को कम से कम रायटर सिग्नेचर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसी तरह की टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे विशेष रूप से मिग-35 और एसयू-57 की अगली पीढ़ी का फाइटर जेट माना जा रहा है। Su-75 चेकमेट की एक बड़ी खासियत यह है कि यह सिंगल-इंजन लड़ाकू विमान है। यह एक संकेत है कि इसे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया जा रहा है, जो कम बजट में सिंगल इंजन वाले स्टील्थ फाइटिंग विमान की तलाश कर रहे थे।

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Su-75 चेकमेट प्रोग्राम में शामिल होने के लिए भारत और चीन को एक अहम महत्व दिया गया है। दोनों देशों के पास अपने-अपने महत्त्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के अफ़गान जेट कार्यक्रम हैं। भारत ने विशेष रूप से रूसी Su-57 पर आधारित एक एडवांस्ड पीरमैट जेट विकसित करने के लिए लगभग एक दशक पहले रूस के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम शुरू किया था।

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