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सूर्य देव को जल चढ़ाते समय इन नष्ट का करें पालन, भूलकर भी न करें ये नुकसानदायक


रामकुमार नायक/महासमुंद. हिन्दू धर्म में रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित किया गया है। सिद्धांत है कि सूर्य ही एकमात्र ऐसे देव हैं, जो नियमित रूप से भक्तों को साक्षात् दर्शन देते हैं। व्यक्ति के जीवन में सूर्य का बहुत बड़ा योगदान होता है। कहा जाता है कि यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है तो व्यक्ति के जीवन में धन और यश की प्राप्ति होती है। जबकि यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है तो जीवन में कई तरह के ग्रहों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल देना चाहिए।

हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता की तरह पूजा जाता है। ज्यादातर लोग सुबह पूजा पाठ करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्य को अर्घ्य देने से भाग्योदय होता है और मान सम्मान में वृद्धि होती है। इसके अलावा अगर किसी वजह से शादी में देर हो रही है, तो नियमित सूर्य को जल देने से जल्दी ही अच्छे मूड में आ जाते हैं।

सूर्य के बिना संपूर्ण विश्व शून्य
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी परंपरा है कि जब भी हमारे द्वार पर कोई अतिथि आता है तो उसे एक लोटा शुद्ध जल दिया जाता है। इस लेख को पढ़ें यह परंपरा हमारे बुजुर्ग, ऋषि मुनियों ने शुरू की थी। ऐसे ही हमें सूर्य भगवान की आराधना करनी चाहिए। बिना पूरी दुनिया शून्य है. दुनिया में अंधेरा हो जाता है. वह देव यानी सूर्यदेव जब भी हमारे घर आते हैं, तो एक लोटा जल उनके सम्मान और पूजन के निमित्त चढ़ाया जाता है। शास्त्रों में अर्घ्य कहा गया है। केवल औद्योगिक पानी को देना आतिथ्य सम्मान होता है।

अर्घ्य देते समय बताते हैं इन बातों का ध्यान
पंडित मनोज शुक्ला ने कहा कि यदि हम अर्घ्य प्रदान कर रहे हैं तो शुद्ध जल के बर्तन में लाल चंदन, सफेद तिल, लाल पुष्प, पीला चावल शामिल हैं। फिर दोनों हाथ ऊपर की ओर चढ़े सिर के सामने से अर्घ्य डेम, तो क्षत-विक्षत जल से सूर्य भगवान को देखा आकर्षण। अर्घ्य देते समय पूर्व दिशा की ओर ध्यान देना चाहिए। इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के फायदे
हमारे वैज्ञानिक, बड़े-बैट डॉक्टर का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन भगवान सूर्य देव को जल अर्घ्य प्रदान करता है तो उसमें से निकलने वाली किरणें और किरणें शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। जिससे हमारे शरीर की बहुत सारी कोशिकाएँ और अवशेष नष्ट हो जाते हैं। इसलिए भगवान सूर्यदेव को प्रतिदिन अर्घ्य देना चाहिए।

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