उत्तर
एम में मुफ्त पैसे और विकल्प दोनों तरह से इलाज संभव है।
हॉस्पिटल में 288 प्राइवेट बेड हैं, जबकि नए प्राइवेट रूम भी बनाए जा रहे हैं।
एम्स प्राइवेट वार्ड शुल्क: ऑल इन इंडिया इंटरनेशनल ऑफ मेडिकल साइंसेज, पाकिस्तान के किसी भी कोने से आने वाले मरीज का पूरी तरह से मुफ्त या बेहद कम कीमत पर इलाज किया जाता है। मुफ़्त इलाज के लिए यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कई बार मरीज़ के साथ आने वाले अटेंडेंट ही नहीं बल्कि मरीज़ के बिस्तर की कमी के सामान के साथ डॉक्टर पर लेटकर ही इलाज देखने आते हैं, लेकिन आम तौर पर आपको लगता है कि मरीज़ को मुफ़्त या बेहद कम कीमत पर इलाज देना होता है। एम.एम.अस्थायी अस्पताल खोज के लिए प्राइवेट वर्ड या प्राइवेट रूम लेवल लेकर इलाज खोजने की भी सुविधा मौजूद है।
एम अमूर्त प्लांट में दोस्ती का दो तरह से इलाज होता है। फ्री या लो कॉइन आर्किटेक्चर, इसके लिए जनरल वर्ड्स में उन लोगों को रखा जाता है जिनके इलाज के लिए कोई पैसा खर्च नहीं किया जा सकता है और उनका पूरा इलाज मुफ्त में किया जाता है। सामान्य शब्दों में अगर मरीज भर्ती होता है तो उसे सिर्फ ऑपरेशन आदि में उपचार होने वाले उपकरण पर होने वाला छोटा-मोटा खर्च होता है, बाकी खाने से लेकर इलाज तक सभी चीजें मुफ्त होती हैं।
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लेकिन दूसरी तरह से एम एलेकशन में प्राइवेट वर्ड या प्राइवेट रूम की सप्लाई पर इलाज किया जाता है। ये सुविधा उन लोगों के लिए है जो इलाज के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं। इन शब्दों में मरीज को कई करोड़ का खर्चा होता है। हालाँकि ख़ास बात ये है कि एम् कंस्ट्रक्शन के ये प्राइवेट रूम किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल के शब्द से बेहतर और फीचर्स से लैस हैं तो ही, सस्ते भी होते हैं।
प्राइवेट वर्ड में एम नामकरण कैसे होते हैं
एम चादर में कुल 3194 बिस्तर हैं। इनमें से प्राइवेट वर्ड या प्राइवेट बेड का डिज़ाइन 288 है। जबकि जनरल केटेगरी के कुल बेड 2906 हैं। यहां अन्य लोग मुफ्त इलाज के लिए ही आते हैं ऐसे में जनरल वर्ड में भर्ती को लेकर मारामारी रहती है और लंबी डेट डेट है लेकिन प्राइवेट वर्ड में ऐसा कम ही देखने को मिलता है।
कौन से मेहमान निजी बिस्तर ले सकते हैं
एम एम की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि जो भी मरीज एम एम कंडिशन में पैसा खर्च कर इलाज कराना चाहता है, वे प्राइवेट वर्ड में एनोटेशन ले सकते हैं। इसकी प्रक्रिया भी बेहद आसान है. जब भी किसी यात्री की भर्ती हो जाती है, तो वहां प्राइवेट रूम के लिए बात होती है।
कितना है खर्च?
एम में दो तरह से प्राइवेट रूम मिलते हैं। डाइलैप्स अर्थात् ए स्ट्रालास और बी स्ट्रालास। पिछले साल ही एम तटबंध प्रशासन ने दोनों ट्रक्लासन में प्राइवेट रूम के चार्जेज को शुरू कर दिया है। ऐसे में अब ए ट्रक्लास यानि कि डायमंड वर्ड के लिए रोजाना 6 हजार रुपये और बीएच ट्रक्लास के रूम के लिए 3 हजार रुपये रोजाना चार्ज देना होगा। इसके साथ ही 300 रुपये का चार्ज भी लगेगा.
10 दिन का एडवांस जमा करने का नियम
एम कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट के अनुसार जो भी मरीज प्राइवेट वर्ड लेना चाहते हैं वे स्टूडेंट एडवांस में 10 दिन का चार्ज एक साथ जमा करना होता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट वर्ड लेता है तो उसके लिए वर्ड और चार्ज की कुल कीमत 63000 रुपये और बिलास ट्रैक्ट के लिए एक साथ 33 हजार रुपये जमा होंगे। हालाँकि अगर मरीज़ 10 दिन से कम भर्ती रहता है तो उसे पैसा वापस मिल जाता है।
हालाँकि एम प्लांटेशन के प्राइवेट वर्ड में प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरह सीधे तौर पर भर्ती उपचार की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। इसके लिए एम एलाॅक की पूरी प्रकिया का पालन करना होता है। बेड का चुनाव जनरल या प्राइवेट में खर्च उठाने की क्षमता से किया जा सकता है।
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पहले प्रकाशित : 16 अगस्त, 2023, 14:29 IST
