कोविड के बाद युवाओं की अचानक मौतें: भारत की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्था- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोविड (कोविड) के बाद दुनिया में युवाओं की ‘अचानक दहशत’ के पीछे के कारण को समझने के लिए दो बड़े महत्वपूर्ण अध्ययन कर रही है। आईसीएमएसटी के कर्मचारी डॉ. राजीव बहल 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में होने वाली वेश्याओं की जांच के लिए इन अध्ययनों को कर रहे हैं। गुजरात के गांधीनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन समिति (GCTM) के मुद्दे पर उन्होंने News18 से कहा कि ‘हम बिना किसी कारण के अचानक होने वाली हलचल को देख रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘ये अध्ययन हमें कोविड-19 के प्रकोप के बारे में समझने में मदद करने के लिए करें और यात्रा पर जाने के लिए सहायता कर सकते हैं।’ ‘अचानक डेथ’ से मेट्रिक्स मैटेरियल का मतलब किसी ऐसे व्यक्ति की मानसिक मृत्यु से है, बाकी किसी बीमारी का पता नहीं था और वह स्वस्थ था। आईसीएमएसटी ने अब तक नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 50 शव-परीक्षाओं का अध्ययन किया है। अगले कुछ महीनों में 100 और शव-परीक्षाओं की जांच का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. बहल ने कहा कि ‘जब हम इन नमूनों के नतीजों की तुलना पिछले वर्षों या पूर्व-कोविड कहानियों से करते हैं तो हम अध्ययन या अंतरों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।’
आईसीएमएसटी कोई यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि मानव शरीर के अंदर शारीरिक परिवर्तन क्या है, जो दुनिया में कोविड के बाद होता है बच्चे अचानक होने वाली वाली में मुख्य भूमिका निभाना संभव है। डॉ. बहल ने कहा कि अगर अध्ययन में कुछ पैटर्न नोट किया गया है तो इसका अन्य पता लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए अचानक हृदय गति विपरीत या फेफड़े के खराब होने के कारण अधिक प्रभावित होते हैं। एक अन्य अध्ययन में 18 से 45 साल के आयु वर्ग में स्टैटिस्टिक्स के डेटा का उपयोग पिछले एक साल में अचानक हुआ है। यह भारत भर के उन 40 आवेदकों से डेटा हासिल कर रहा है, जो एक साल तक के लिए मान्यता प्राप्त होने के बाद कोविड-19 से प्रभावित हैं। इन उपकरणों में कोविड से भर्ती, अस्पताल से छुट्टी और रेस्तरां का डेटा है। डॉ. बहल ने कहा कि ‘हम पीछे-पीछे मित्रों के लिए मित्रों से पूछताछ कर रहे हैं।’
विशेषज्ञ हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (मनसुख मंडाविया) ने आज जी-20 स्वास्थ्य मंत्री समिति में कहा कि इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 31 देशों के स्वास्थ्य मंत्री मौजूद रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। इंडिया पैकेट का एक प्रोटोटाइप, इंडिया हेल्थ वर्कशॉप फोर्स के लिए एक और फोटो है। भारत की उभरती अर्थव्यवस्था, वैक्सीन निर्माण क्षेत्र में भारत की पहल को देखते हुए दुनिया की उम्मीद भारत से बेहतर है। विश्व के देश भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में आशा के साथ नजर आते हैं।
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पहले प्रकाशित : 19 अगस्त, 2023, 14:34 IST
