लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा.सस्ती जिले के जयपुर विकासखंड अंतर्गत पंचायत ग्राम कथा के बिरतिया बाबा की पावन धारा में नाग पंचमी के दिन बाबा बिरतिया के दर्शन के लिए श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ती है। वहीं इस दिन श्रद्धालू अपने मनवांछित फल पाने के लिए सुबह चार बजे से पहुंच रहे हैं। बिरतिया बाबा मंदिर में हर साल की तरह नागपंचमी पर इस साल भी 21 अगस्त को मेला का आयोजन होगा। कथा के प्रसिद्ध बिरतिया बाबा मंदिर में विशेष पूजा- स्तुति होगी। इस दौरान यहां मेले में इलाके के बाकी बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
यहां यह भी शामिल है कि बिरतिया बाबा मंदिर में सर्पदंश की परंपरा का नवजीवन है। इसलिए लोगों की इन पर अगाध आस्था है। क्षेत्र के लोग सर्पदंश से लेकर यहां तक पहुंचते हैं। लोगों का विश्वास है कि यहां एक चुटकी कूड़ेदान से ही मुक्ति मिल जाती है। मंदिर की संबद्ध दूर-दूर तक है। लोक आस्था के इस केंद्र में नागपंचमी के मौके पर विशेष पूजा-अर्चना होती है।
सर्पदंश का असर खत्म हो गया
नागसर्प को दर्द से राहत मिला। इस पर गौटिया ने कहा कि नागसर्प ने गौटिया को कुछ भी चमकाने के लिए नहीं कहा। बस इस बात की कृपा दृष्टि हो जाए कि इस गांव में सर्प और बिच्छू दंश से पीड़ित लोगों को जीवनदान मिल जाए। नागराज ने बिरतिया बाबा गौटिया को ऐसा ही वर दिया.बताते हैं कि इसके बाद सर्पदंश से पीड़ित लोगों का इलाज यहां होना लगा। कालांतर में बिरतिया बाबा की मृत्यु के बाद गांव में उनके मंदिर की स्थापना की गई। इस मंदिर में मूर्ति को जीवनदान मिलना लगा। इस मंदिर में क्षेत्र के सर्पदंश पीड़ित लोगों को लाया जाता है। पीड़ित को यहां लिटा कर मंदिर के पास की मिट्टी खिलाकर बॉन में लगाया जाता है। इससे सर्पदंश का असर खत्म हो जाता है ऐसे लोगों की व्याख्या है।
मंदिर में देवता से बिरतिया बाबा की पूजा
नाग पंचमी के दिन मंदिर में देवता से बिरतिया बाबा की पूजा होती है। क्षेत्र के दुर्लभ बड़ी संख्या में यहां एक साथ पाए जाते हैं। लोग अपनी महिमा का बखान अपने-अपने तरह से करते हैं। इस दौरान यहां मेला भी लगता है. नोट- इस तरह की किवदंती लोगों की आस्था से जुड़ी हुई हैं, हम इसे कोई प्रमाण नहीं देते हैं। डॉक्टरों का भी यही कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को सांप या कोई साधू जीव जंतु काटे तो सबसे पहले अपने अस्पताल में इलाज जरूर कराएं।
.
पहले प्रकाशित : 19 अगस्त, 2023, 18:20 IST
