नई दिल्ली. देश में प्याज़ के सस्ते दाम पर सरकार ने प्याज़ से 40 प्रतिशत की निर्यात छूट दी है। वित्त केंद्रीय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि 31 दिसंबर 2023 तक यह ड्यूटी लागू रहेगी। पेज के घरेलू रसायनों में सुधार के लिए यह कर्तव्य किया गया है।
कहा गया है कि देश में सितंबर महीने तक कीमत 55-60 रुपये प्रति ट्रॉली तक जाने का अनुमान है. पिछले एक सप्ताह में देश में प्याज की हिस्सेदारी का आकलन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में ग्लोबल लेवल पर करीब 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
बढ़ने लगे हैं प्याज़ के दाम
हाल के दिनों में ओनियन द्वीप में काफी उथल-पुथल देखी गई है। पिछले सप्ताह तक देश के प्रमुख शहरों में 25-30 रुपये प्रति किलो बिक रही प्याज का दाम अब 40-45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
बताया जा रहा है कि देश में प्याज का सामीत भंडार होने के बावजूद इस साल लंबे समय तक तेज गर्मी के कारण खराब गुणवत्ता वाले प्याज की गुणवत्ता पर थोड़ा असर पड़ा है। इस कारण अच्छा क्वालिटी वाला पेज महंगा हो गया है।
विशेषज्ञ ने बताया ये कारण
सीसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक इस महीने उत्तर भारत में प्याज की थोक कीमत 1,000 प्रति यूनिट तक बढ़ गई है। वहीं एक विशेषज्ञ का कहना है कि प्याज के जिले में किसानों की कमी का कारण है। देश के प्रमुख उत्पादक प्याज राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अप्रैल महीने में हुई बेमौसम बारिश ने प्याज की फसल पर असर डाला है। सिद्धांतकार का कहना है कि सितंबर में प्याज की खेती और बढ़ने की संभावना है।
इसी के तहत केंद्र सरकार ने पिछले शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह इन जिलों पर नियंत्रण के लिए हस्तक्षेप करेगी. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने प्याज़ बॉल्स से स्टॉक रिलीज़ करने का निर्णय लिया था।
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पहले प्रकाशित : 19 अगस्त, 2023, 19:35 IST
