नई दिल्ली। बीपीएस ने रॉबिंसविले, न्यू जर्सी में बीपीएस स्वामी नारायण अक्षरधाम में ‘घर से घर तक’ नामक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के मध्योग्यम से बताया गया कि निरंतर अस्थिर दुनिया में हम अपने परिवार में जिन गौरव को बढ़ावा देते हैं, वे हमारी स्थिर विरासत के रूप में हैं। इसमें पिता की शक्ति और आकृतियाँ दी गयीं। प्रेरणा महोत्सव में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों में अभिलेख और विरासत को कैसे स्थापित कर सकते हैं, जो उनकी सफलता सुनिश्चित करेगा।
कार्यक्रम में बच्चों के पालन-पोषण में परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों ने जोर देकर भाषण और नाटक प्रस्तुत किये। यह दो आश्रम थे, पहली सभा का नेतृत्व महिलाओं ने किया था। नाटकों और भाषणों के माध्यम से कार्यक्रम में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि माता-पिता के जीवन में चुनौती वाली प्रतिस्पर्धी कंपनियों और गलतफहमियों को कैसे दूर किया जाए।
पूज्य विवेकजीवनदास स्वामी ने कहा कि माता-पिता एक-एक घर के होते हैं और घर भी किसी समाज की संस्था होते हैं। उन्होंने स्मरण किया कि प्रमुख महाराज स्वामी ने बच्चों के पालन-पोषण के लिए तीन प्रसिद्ध स्तंभों की मान्यता तैयार की, स्वास्थ्य, शिक्षा और कीमत दी।
प्रमुख स्वामी महाराज का बार-बार शेयर किया गया संदेश, महंत स्वामी महाराज का बार-बार शेयर किया गया संदेश: “एक परिवार जो एक साथ खाता है, एक साथ खेलता है और एक साथ प्रार्थना करता है, एक साथ रहता है” एक मूल्यवान कार्य करता है। माता-पिता के लिए सबसे अधिक बोझ यह था कि वे अपने बच्चे के लेखों की तुलना न करें।
समारोह का समापन महंत महाराज स्वामी के सबसे महत्वपूर्ण और सार्वभौमिक पाठ पर एक भाषण के साथ हुआ, जो एक माता-पिता सीख सकते हैं, “सबसे बड़ा कर्तव्य अपने बच्चों को बिना शर्त प्यार और स्नेह देना है, और इसे एक मानक के रूप में शामिल करना है” में पूरा नहीं देखा जा सकता। “पेड़ के तेल के समय, सही प्रकार की देखभाल से उसे बढ़ने में मदद मिल सकती है, लेकिन जन्म से ही उसके विकास में प्राकृतिक काल रुक जाता है।
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पहले प्रकाशित : 24 अगस्त, 2023, 19:36 IST
