नई दिल्ली. देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेई) दाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सिफारिश की कि वकीलों को केवल संचार के पारंपरिक सिद्धांतों पर प्रतिबंध के बजाय अधिक तकनीकी रूप से अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। वकील के एक मामले को दवा देने के लिए सूचीबद्ध करने के बाद उन्होंने यह आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘आप सभी टेक्नोलॉजी के प्रति इतने अनफ्रेंडली क्यों हैं? एक ईमेल वेबसाइट को विभाजित करें और मैं उन्हें देखूंगा और सूचीबद्ध करूंगा। कभी-कभी मैं दोपहर का खाना नहीं खाता हूं, लेकिन ईमेल पर ध्यान देता हूं।’
बिहार, सुप्रीम कोर्ट में एक वकील को पेश किए गए किसी भी मामले में सूचीबद्ध सूची में अंतिम प्रविष्टि करने के लिए दबाव डाला गया। इस पर सीजे चंद्रचूड़ ने कहा कि वो मामले को सूचीबद्ध करने के लिए स्ट्रेंथ को एक ईमेल भेज सकते थे। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी सवाल किया कि वकील प्रौद्योगिकी का विरोध अनइच्छुक में क्यों हुआ?
सीजे उन्नत प्रौद्योगिकी के समर्थक
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ लंबे समय से अदालती युवाओं को आसान बनाने के लिए सहयोग का लाभ उठाने के समर्थक रहे हैं। पिछले मई में एक भाषण के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि न्यायाधीशों को विद्वानों के लाभ के लिए शिक्षा को अपनाना होगा और विद्वानों पर दबाव नहीं डाला जा सकता है, क्योंकि न्यायाधीशों को शिक्षा प्रदान की जाती है।
खुद को फिर से सीखें..
उस समय, सीजेआई ने उच्च न्यायालय से एसोसिएशन के दिव्यांग पुस्तकालयों का उपयोग जारी रखने का आग्रह किया था, जिसमें कहा गया था कि ऐसी दवाएँ केवल COVID-19 महामारी के दौरान उपयोग के लिए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे एक जजमेंट में जब मैं कल रात समीत कर रहा था, मैंने कहा था कि हम क्लास के साथ अपनी कमी के कारण अपने वकील पर लोड नहीं डाल सकते। जवाब देना आसान है, खुद को फिर से पढ़ाएं।’ भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेई) के रूप में न्यायाधीश दिवाई चंद्रचूड़ के पद पर नियुक्ति के बाद सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री पूरी तरह से पेपरलेज़ हो गई।
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पहले प्रकाशित : 26 अगस्त, 2023, 23:04 IST
