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बेटा हो तो ऐसा…पिता के निधन के बाद नहीं दिया मृत्युभोज; किया ऐसा काम कि अब हो रही चौतरफा तानाशाही


राजाराम मंडल/मधुबनी. इन दिनों बिहार के बिहार जिले में भी मृत्युभोज के आयोजन को लोग कम करने लगते हैं। अलबत्ता मृत्युभोज पर होने वाले मिशेल खर्च को लोग सामाजिक कार्य में खर्च करने लगे हैं। इस बीच मिडिल डिस्ट्रिक्ट के कलुआही हिस्से के नार पंचायत के वार्ड-दो में भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है। यहां एक बेटे ने अपने पिता के निधन के बाद उसके नाम पर लाखों रुपये खर्च कर गांव में एक पूल का निर्माण करवाया। अब इसका मैनेजर हर ओर हो रहा है।

असल में, इस गांव और किसानों के परामर्श को जोड़ने वाली सड़क पर पुल नहीं था। इससे कमला नदी में बाढ़ आने के बाद बारिश के समय गांव के लोगों को काफी परेशानी हुई। बिग बॉस ने पुल को लेकर मुखिया को भी अप्लाई किया, लेकिन पुल नहीं बन सका। इसी दौरान गांव के पिछलग्गू शिक्षक महादेव झा ने सिद्धार्थ की परेशानी को दूर करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने इस गांव और किसानों के खेतों को जोड़ने के लिए खुद ही पुल का निर्माण शुरू किया, लेकिन वर्ष 2020 में उनकी मृत्यु हो गई। इससे पुल निर्माण का काम अधूरा रह गया।

पिता की मौत के बाद बेटी ने पूरा किया सपना
महादेव जी की मृत्यु के कुछ साल बाद तक लोगों की परेशानी यूं ही बनी रही। इस बीच उनके निधन के बाद उनकी बेटी एलिज़ा झा ने इस कलाकार का सपना पूरा करने का बीड़ा उठाया। पिता के श्राद्ध भोज और कर्मकांड पर लाखों रुपए खर्च करने पर 5 लाख रुपए से अधिक का खर्च आया। गांव के लोगों का कहना है कि उसने अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने इस पुल के लिए पांच लाख रुपये का खर्च नीचे दिया है। आज इस पुल से रोज़ कई गांव के लोग आते-जाते हैं।

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पहले प्रकाशित : 27 अगस्त, 2023, 12:32 IST



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