रामकुमार नायक/महासमुंद: भाईसाहब के त्यौहार ‘प्रेम का त्योहार’ रक्षाबंधन कब मनाएं लेकर काफी शक बना हुआ है। यह भाई बहन का सबसे खास त्योहार है, जिसे हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मित्र राष्ट्र को बंधक भी कहा जाता है. लेकिन इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल में रहने के कारण लोगों के मन में कंफ्यूजन है कि, खत्म राखी कब और किस समय में बंधना शुभ रहेगा।
मित्र राष्ट्र की तिथि, शुभ अवसर और उपाय
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि 30 या 31 अगस्त को यह पर्व मनाया जाएगा। 30 अगस्त की सुबह 10 नागार्जुन 48 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है। लेकिन उसके साथ भद्रा भी शुरू हो रही है और रक्षाबंधन का यह नियम है कि पूर्णिमा में ही रक्षासूत्र बंधा होता है। इसलिए मित्र राष्ट्र में चतुर्दशी तिथि नहीं मनाई जा सकती। पंचांग के अनुसार भद्राकाल रात 9 बजे से 2 मिनट तक रहेगा। 30 तारीख की रात 9 बजे 2 मिनट बाद भद्राकाल समाप्त हो जाएगा लेकिन पूर्णिमा तिथि बनी रहेगी।
भगवान को नारियल कर बांधे राखिए
ज्योतिषियों और पंचाग पुर्तगाल ने रक्षा मंत्रालय का समय 30 तारीख को रात 9 बजे से 2 मिनट बाद से अच्छा और शुभ बताया गया है। लेकिन बहुत से स्थानों पर यह देखा गया है कि यह केवल भाई-बहनों का ही त्योहार है, बल्कि बहुत सारे व्यापारिक भाई-बहन अपनी-अपनी दुकान और तराजू में भी राखी बांधा रक्षाबंधन के आभूषण बनाते हैं। कुछ बहनें पेड़ों और सैनिकों को राखियां बांधती हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार पुरोहित अपने जजमानों के साथ रक्षाबंधन के देवता हैं। यह सब रात को संभव नहीं है. इसका एक ही समाधान है कि 30 अगस्त की रात 9 बजे 2 मिनट में जितनी भी राखियां हैं उन्हें भगवान पर अर्पण कर देने के बाद 31 तारीख की सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में अपने उद्योग को राखी बांधें। ज्योतिष शास्त्र में 31 अगस्त के बारे में रक्षाबन्धन के बारे में नहीं बताया गया है। लेकिन 30 अगस्त की रात 9 नागार्जुन 2 मिनट में सारी राखियां भगवान को निर्भीक कर 31 अगस्त को बहनें अपने उद्योगों की कलाईयों में बांध सकती हैं।
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पहले प्रकाशित : 29 अगस्त, 2023, 15:19 IST
