
ईशांत शर्मा-एमएस धोनी, विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट टीम में धोनी के वैज्ञानिक ने शायद ही ऐसी कोई सफलता बताई जो हासिल नहीं की जा सकी। मान्यता प्राप्त विश्व कप, टी20 विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टेस्ट में नंबर एक टीम, यह सब कुछ टीम इंडिया ने धोनी की सुपरस्टार में उपलब्धि हासिल की थी। वहीं 2014 के बाद टेस्ट और 2017 के बाद व्हाइट बॉल क्रिकेट में विराट ने टीम की कमान संभाली थी। विराट की वैज्ञानिक टीम इंडिया का प्रदर्शन तो अच्छा रहा लेकिन आईसीसी ट्रॉफी का इंतज़ार बढ़ गया। अब दोनों की मैक्सिकन एसोसिएशन वाले टीम इंडिया के एक क्रिकेटर ने बड़ा बयान दिया है।
टीम इंडिया के अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने एक साक्षात्कार में इस बात को स्पष्ट रूप से कहा कि, विराट कोहली को एमएस धोनी द्वारा फुल पैक्ड पेस बैटरी वाइज तेज गेंदबाज का एक ग्रुप मिला था। जिसमें मोहम्मद शमी, ब्यासिस्ट शौक़ीन, बॉयफ्रेंड कुमार और रामेश यादव शामिल थे। ईशांत का मानना है कि पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने सिक्कों की नकल की थी और वह अपने उत्तराधिकारी विराट कोहली को एक ‘संपूर्ण’ सूची में शामिल कर चुके थे। बता दें कि दो बार विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे धोनी 2007 से 2017 तक भारत की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान रहे जबकि वह 2008 से 2014 तक टेस्ट टीम के कप्तान भी रहे। इसके बाद उन्होंने टीम की कमान कोहली को सौंपी।
ईशांत ने कही और भी बड़ी बातें
इशांत ने जियो सिनेमा पर कहा था, विराट जब कैप्टन थे तो फिर से कंप्लीट थे। जब हम माही भाई (धोनी) के पंडितजी में खेल रहे थे तो हम बदलाव के दौर से गुजर रहे थे। उस समय शमी और वुमेन नए थे और सिर्फ मैं पुराना था। बाकी सभी को रोटेट किया गया। भुवी भी नई थी. संवाद करने के लिए खिलाड़ियों से बातची के मामले में माही भाई की कोई दोस्त नहीं है, यहां तक कि कोहली के नाम के गुण भी पहचाने जाते थे। इशांत ने कहा कि, धोनी ने ‘स्टूडेंट्स’ को नया रूप दिया और विराट को खत्म कर दिया। शमी और शमीम समय के साथ अलग-अलग तरह के एक्टर्स बने और फिर आ गए। इसलिए विराट को कंप्लीट का कैटलॉग मिला।
ये थी विराट की सबसे अच्छी बात
ईशांत ने आगे कहा, सबसे अच्छी बात यह है कि विराट कोहली ने जो बात कही थी कि वे हर किसी के गुण को पहचानते थे, वह एक व्यक्ति के साथ एक चीज के बारे में बात करते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कैसे कोहली ने ग्रुप में हर तेज गेंदबाज के लिए भूमिकाएं तय की थीं और सभी को अलग-अलग सलाह दी गई थी। जिसमें सभी रैसलरों को निकाने का मौका मिला, खासकर रेड बॉल क्रिकेट में।
