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छत्तीसगढ़ के इस गांव में युवा बने रहे स्टेशनरी का सामान, बाजार में भारी बिखराव


रामकुमार नायक/महासमुंद (बेमेतरा): प्रदेश सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रिपा) के माध्यम से राज्य की महिलाओं, युवाओं को रोजगार के साथ ही ऑपरेटरों को अवसर देने का काम कर रही है। शासन के इन सिद्धांतों से लोग आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

रीपा में स्थानीय व्यावसायिक उद्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कच्चे माल की खेती से लेकर सुव्यवस्थित रोजगार भी सृजन हो रहे हैं। बेमेतरा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस पहले सफल ऑपरेशन का विस्तार शहरी क्षेत्रों में भी किया गया है।

स्टेशनरी सामग्री बना रहे युवा
बेमेतरा के सांकरा ग्राम के युवा रीपा में स्टेशनरी सामग्री बनाने का काम कर रहे हैं। रीपा के अंतर्गत स्टेशनरी-प्रिंट इकाई की स्थापना की गई है, जिसमें युवा विकास समिति ग्राम सांकरा के 10 युवा सहयोगी शामिल हैं। समिति की सचिव देवमती साहू ने बताया कि पड़ोसी जिले के रॉ मॉल में कॉपी, रजिस्टर, डायरी, फाइल, पंपलेट जैसे विभिन्न स्टेशनरी उत्पाद बनाए जा रहे हैं। रीपा में तैयार उत्पाद सरकारी और गैर सरकारी आवासीय, स्कूल, शाला-आश्रमों में मांग के अनुसार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हाल ही में जिला पंचायत बेला से उन्हें मापपुस्तक, फाइल कवर, फाइल पैड, रजिस्टर के पांच हजार नाग का क्रम मिला है। वहीं शिक्षा विभाग, बेला से भी 250 एनजी रजिस्टर फाइल कवर, फाइल पैड सहित अन्य सामग्री के लगभग 500 एनजी नंबर मिले हैं।

लोगों से मिल रहा सहयोग
देवमती ने बताया कि यह यूनिट हाल ही में स्थापित की गई है, इसलिए इसकी मार्केटिंग भी की जा रही है। ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके। जिससे उन्हें बड़ी कीमत मिली। इस प्रयास से स्थानीय बाजार एवं मित्रता से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस पहल से ग्रामीण युवा-युवतियों को नए कौशल सीखने का अवसर मिल रहा है और उनके प्रशिक्षण में भी वृद्धि हुई है। अन्य युवाओं के लिए यह प्रेरणा दिवस भी सिद्ध हो रहा है।



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