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14 बड़े आईएएस अधिकारियों ने बनाई आदिवासी बच्चों को बांधी राखियां, जानें छत्तीसगढ़ में कुल कितनी हैं जनजातियां


अनूप/कोरबा/जशपुर. भाई-बहन का रिश्ता बेहद अनोखा होता है। इस संयोग में प्यार होता है तो तकरार भी बहुत होती है। लड़ाई-झगड़ा होता है तो हंसना-मनाना भी रहता है। भाई-बहन के समान समर्पण और उपहार का त्योहार है रक्षाबंधन। रक्षाबंधन अब केवल भाई और जनजाति तक ही सीमित नहीं है। भाई बहन के प्रेम की तरह लोग अब अन्य करीबी व्यक्ति को भी राखी बनाकर अपना स्नेह प्रकट करते हैं।

14 आईएएस ने बच्चों को बांधी राखियां

छत्तीसगढ़ में 14 बोटा आईएएस ने एक मिशाल पेश की, उन्होंने जनजातीय समूह के बच्चों को राखी बांधी है। उन्होंने इन बच्चों की रक्षा का संकल्प लिया है। बॉर्बर आईएएस ने रखी राखियां बच्चों की प्रति स्नेह प्रकट हुई है।

बता दें कि 14 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, छत्तीसगढ़ के जशपुर में जन-जनजाति समुदाय के रहन-सहन और ग्रामीण परिवेश के साथ-साथ अध्ययनकर्ताओं का अध्ययन कर रहे हैं। इन अधिकारियों ने रक्षाबंधन के मौक़े पर गांव में जनजाति जनजातीय समुदाय के बच्चों की साझेदारी राखी बांधी और प्रिय की उपस्थिति दर्ज कराई।

छत्तीसगढ़ में पाई जाती हैं 42 जनजातियाँ

छत्तीसगढ़ राज्य एक जनजाति बाहुल्य राज्य है, छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियां पाई जाती हैं, छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजाति गोंड हैं, इसके अतिरिक्त कंवर, बिजवार, भाना, भतरा, मुंड, मुंडा, कमार, हल्बा, बागा, भरिया, नगेशिया, मझिवार, खैरवार और धनवार जनजाति की भी काफी संख्या है।

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