Homeछत्तीसगढ़इस राज्य की अनोखी परंपरा है भोजली, अच्छी फसल से लेकर दोस्ती...

इस राज्य की अनोखी परंपरा है भोजली, अच्छी फसल से लेकर दोस्ती तक का प्रतीक


लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा. जिला मुख्यालय जांजगीर में भोजली का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। भोजली का त्योहार सिर्फ मित्रता का ही उत्सव नहीं है, बल्कि नई फसल की कामना के लिए राजस्थान में यह त्योहार मनाया जाता है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं एक-दूसरे को भोजली का डब नामांकित कर जीवन भर मित्रता का धर्म भूमिका का संकल्प लेती हैं। भोजली उत्सव के मौके पर महिलाओं और युवतियों ने भोजली की टोकरीयां सिर पर तालाब किनारे से लगाईं और विसर्जित कीं। सभी पारंपरिक समारोहों के साथ तालाब में भोजली का विसर्जन किया गया।

कान में भोजली खोंस कर मितानी के बंधन में बंधन का पर्व भोजली तिहार 31 अगस्त को मनाया गया। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक भोजली पर्व अपनी महत्ता है। जांजगीर के भीमा तालाब सहित जिलों में महानदी, हसदेव, सोन नदियों में भोजली विसर्जन की परंपरा है। भोजली विसर्जन के बाद इसके ऊपरी भाग को बचा कर रखा जाता है। कौन लोग एक-दूसरे के रसिया में खोंच कर भोजली, गियां, मितान, सखी, महाप्रसाद, मितान, दीनापान बढ़ाते हैं।

ऐसे हैं भोजली का त्योहार
भोजली त्यौहार हर साल रक्षाबंधन त्यौहार के दूसरे दिन आता है। भोजली महोत्सव के लिए नागपंचमी के दिन सुबह का भोजन और ज्वार को भुगतान किया जाता है। शाम को बांस के एक खिलौने में मिट्टी और खादी दाल कर मिश्रण के बीज डाले जाते हैं। 5 दिन बाद भोजली को बाहर निकाला जाता है और रक्षा बंधन के अगले दिन विसर्जन किया जाता है।

भोजपुरी बड़ी तो फसल भी अच्छी
पहले के लोग कहते थे कि जितनी बड़ी भोजली रहेगी, उतना ही अच्छा पैसा होगा। भोजली की टोकरी सिर पर लेकर लेन बाग गीत गाते हुए गांव का चक्कर लगाया कर तालाब या के किनारे भोजली देवी का नदी में विसर्जन किया जाता है। विसर्जन समय भोजन में से कुछ बाली लेकर अपने भाई के कानो में लगा दिया जाता है जिससे भाई-बहन के रिश्ते में दोस्ती भी बनी रहती है।

भोजली देवी से करें ये प्रार्थना
भोजली से हम किसी को दोस्त बनाते हैं, उसके कान में भोजली डालकर उसे दोस्त बनाते हैं। कहा जाता है कि भोजली से जो दोस्ती दोस्ती वह कभी नहीं टूटती है। साथ ही त्योहार के दिन भोजली देवी से विनती करते हैं कि जो भी हमारी फसल की स्थापना हुई है वह सफल हो। भोजली देवी से वर्षा होने की कामना करें तो वर्षा भी हो और शुभ फल प्राप्त हो।

टैग: छत्तीसगढ़ खबर, स्थानीय18



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

spot_img