सिंगापुर. भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थर्मन शानमुगारत्नम सिंगापुर के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें 70.4% से ज्यादा वोट मिले हैं। एक दशक से भी अधिक समय बाद राष्ट्रपति चुनाव में लोगों ने बड़ी संख्या में मतदान किया था। त्रिकोणीय टेलीकॉम में भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थरमन शानमुगारत्नम ने बाजी मारी। देश के नौवें राष्ट्रपति के लिए हो रहे हैं चर्च में थर्मन के अलावा दो अन्य दावेदार – सिंगापुर ‘इनोवमेंटमेंट इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन’ (जियोटिक्स) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एन. कोक सॉन्ग और देश के सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह एनटीयूसी इंकम के पूर्व प्रमुख दस किन लियान – भी थे।
भारतीय मूल के सिंगापुर में 66 वर्षीय अर्थशास्त्री शानमुगारत्नम ने देश की संस्कृति को दुनिया में ‘उज्ज्वल’ बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया था। उन्होंने पोषक तत्वों के तहत चुने गए तीन बटनों में से एक थे. सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करने वाले को कड़ी योग्यता प्रक्रिया से रूबरू होना पड़ता है।
राजनीति में 2001 में आये शानमुगारत्नम ने दो दशक से भी अधिक समय तक फिल्म पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के और मंत्री पद पर काम किया। राष्ट्रपति चुनाव में 27 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान किया था. यह 12 वर्षों में सिंगापुर का पहला राष्ट्रपति चुनाव था, क्योंकि 2017 में आखिरी चुनाव- जो मलय बेल्जियम के लिए पद पर था- निर्विरोध था। सिंगापुर में वर्ष 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुना गया। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था।
वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है। वह देश के आठवें राष्ट्रपति हैं और इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। सिंगापुर में वर्ष 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक विदेशी चुनाव था, जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों का चुनाव लड़ा गया था। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था, क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था।
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पहले प्रकाशित : 01 सितंबर, 2023, 22:21 IST
