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ये फल औषधि नहीं है! कोलेस्ट्रोल के कंट्रोल में मरीजों को अर्थराइटिस की बीमारी दूर होती है


दिलीप/कैमूर. देश में खेती का ट्रेंड लगातार बदलता जा रहा है। किसान अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक मध्यम के अलावा भी कई अन्य प्रकार के फल और औषधि विकसित हो रहे हैं। भारत में बड़ी संख्या में किसान फलों की खेती करने में लगे हुए हैं और अच्छे दावे का दावा भी कर रहे हैं। इसी तरह ड्रैगन खिलौने की खेती भी काफी लोकप्रिय होती जा रही है. आम तौर पर यह फलों की खेती और वियतनाम जैसे देशों में बड़े पैमाने पर होती है। अब भारत में भी इस फल को पसंद किया जाने लगा है. ड्रैगन की कीमत 200 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो तक है। अगर आप ड्रैगन तितली की खेती करते हैं तो इससे बंपर कमाई कर सकते हैं। कैमूर जिले के जलदाहा गांव में रहने वाले अजय सिंह भी पिछले 4 साल से ड्रैगन की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं।

कैमूर जिला उपक्रम के जलदाहा गांव में रहने वाले अजय सिंह ने बताया कि पिछले 4 साल से ड्रैगनफ्रूट की खेती कर रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहली बार 200 प्लांट की शुरुआत हुई और इसका परिणाम भी बेहतर मिला। ड्रैगन ड्रॉइक को तैयार करने के लिए सबसे पहले 7 फीट का पोल तैयार करना होता है। पोल का ऊपरी भाग चकरी नंबर होना चाहिए। हर पल को तैयार करने में 1 हजार का खर्च आता है और इससे 25 साल तक का फायदा होता है, इसलिए मजबूत पोल बनाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पोल पर चार उपचारों की कीमत 80 से 100 रुपये तक होती है। पोल से लेकर इलाज तक में 1500 रुपए तक का खर्च आता है। वहीं, एक नॉकर में 500 पोल लगाकर हर सीजन में आप ड्रैगन ड्रैगन से 5 लाख की कमाई कर सकते हैं।

45 डिग्री से अधिक तापमान पर कम है वृद्धि
किसान अजय सिंह ने बताया कि ड्रैगन तितली का जन्म सही समय अक्टूबर से नवंबर और जनवरी से फरवरी के बीच होता है। इसकी उपज सौ फ़ीसदी जैविक खाद से होती है। घर पर कूड़ाघर से गोबर मिल जाता है, लेकिन केंचुआ बाहर से मांगा जाता है। ड्रैगन ड्रैगन को फंगस से बचाया जाता है। फंगस को नियंत्रित करने के लिए दवा भी आती है, अन्य उपचार भी शामिल किए जाते हैं। किसान अजय सिंह ने टेंगप्रेचर को 35 से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के लिए किड्रेगन स्केच के बारे में बताया। 45 डिग्री से अधिक तापमान पर वृद्धि कम हो रही है। यह फल उन जगहों पर भी काफी अच्छी तरह से उपजता है, जहां पर कम बारिश होती है।

गठिया रोग में भी ड्रैगन आकृति है

अजय सिंह ने बताया कि फलों को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसी तरह, ड्रैगन ड्रैगन के सेवन से शरीर को काफी फायदा होता है। दोस्तों को नियंत्रित करने में यह सहायक होता है। कॉलेस्ट्रोल में भी इससे लाभ होता है। ड्रैगन में प्रोटीन की मात्रा भी बहुत होती है और अर्थराइटिस की बीमारी भी दूर हो जाती है। आपके दिल से जुड़ी पहेली को भी ड्रैगन की तस्वीर दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, ड्रैगन तितली का उपयोग जैम, नारियल, जेली उत्पादन, रंगीन सामग्री, वाइन आदि में किया जाता है। साथ ही इसे फेस पैक्स में भी शामिल करें।

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