ईशा बिरोरिया/ऋषि:योग हमें शारीरिक और मानसिक दोनों से ही लाभ पहुंचाता है। ये सभी बिमारियों में असरदार साबित होती हैं। वहीं योग केवल शारीरिक रोग या फिर मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए नहीं बल्कि अच्छा स्वास्थ्य और साथ में भी योग प्रभावशाली साबित होता है। वहीं आज हम आपको कुछ ऐसे योग आसनों के बारे में बताएंगे जो कि गर्भावस्था में होने वाले दर्द से राहत दिलाते हैं और आपके काम आते हैं।
लोक 18 के साथ हुई बातचीत के दौरान ऋषि योग केंद्र के सह संस्थापक और योग प्रशिक्षक नॉजी ठाकुर ने बताया कि 9 महीने में गर्भधारण के लिए केवल उन पर जोर नहीं डाला जाता है और 9 महीने के बाद तक उन्हें प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर योग कहा जाता है। होता है. योग की शुरुआत तभी से होती है जब एक महिला गर्भवती होने का फैसला लेती है और यह लगभग 6 महीने बाद तक हो जाती है ताकि महिलाओं को आम पर होने वाले दर्द और समस्याओं से राहत मिल सके। वे बताते हैं कि आजकल ये तीन योगासन काफी प्रभावशाली साबित होते हैं।
फ़ायरफ़ॉक्स आसन
सूची के दिनों में इस अभ्यास से बच्चे को पोषण आहार के लिए गर्भाधान में रक्त की आपूर्ति में मदद मिलती है। इस योगासन को करने के लिए दोनों तालों को सीधा रखें और दोनों हाथों से दांतों को अंदर की तरफ मोड़ें। अब अपने जोड़ों को हिलाएं। इसे बटरफ्लाई प्लैटफॉर्म भी कहा जाता है।
त्रिकोणासन
इस योगासन के अभ्यास से गर्भाधान में रक्त की आपूर्ति होती है और गर्भावस्था के दौरान कोई समस्या नहीं होती है। इस योगाभ्यास को करने के लिए सबसे पहले सीधे हो जाएं। पैरों के बीच में थोड़ी दूरी बनाकर गहरी सांस लें और अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाएं, फिर अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी नजरें ऊपर की ओर रखें।
मलासन
इस योगाभ्यास को करने के लिए पहले सीधे हो जाएं और फिर अपने दोनों दोस्तों के बीच थोड़ी दूरी तय करें। उसके बाद अपने हाथों को जोड़ ले और धीरे-धीरे से नीचे बैठें। अपनी दुनिया को बाहर निकले आगे की ओर झुकें। अपनी दोनों कोहनियों को अपने जोड़ों के बीच करीब 90 डिग्री के कोण पर ले.
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पहले प्रकाशित : 19 नवंबर, 2023, 10:56 IST
