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रामबाण में पाए जाने वाले गंभीर फलों के इलाज में ये खतरनाक तत्व शामिल हैं…इनमें शामिल न करें प्रयोग


सन्नन्दन उपाध्याय/बलिया: धरती एक से बढ़कर एक औषधियों का भंडार है जो किसी भी प्रकार की संजीवनी से कम नहीं है। आज हम बात करेंगे नागफनी उपचार की। इस प्रयोग का अधिकतर उपयोग घर की सजावट के लिए किया जाता है। लेकिन आप ये शायद ही जानते होंगे कि इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है। यह दवा जहां एक तरफ गंभीर मजबूती से मुक्ति दिलाती है वहीं शरीर को मजबूती से फिर से मजबूत करने की क्षमता भी प्रदान करती है।

शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. आर.वी.एन.पांडेय ने बताया कि नागफनी चमत्कारी औषधि है। जिसका उपयोग हर रोग में अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। इसलिए डॉक्टर से सलाह के बिना इसका सेवन करना नहीं होता है। नागफनी के उपचार में विटामिन बी 6, विटामिन ए, के, सी, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम और मैग्नीज होता है।

इन दस्तावेजों में उपयोगी है नागफनी का पौधा
डॉ. शिक्षक हैं कि हमारी प्राचीन विद्या में इन औषधियों का विशेष महत्व है। नागफनी बहुत ही गुणकारी औषधि है। यह पुराना से पुराना बुखार और सांस के रोग में बहुत उपयोगी है। पारंपरिक शास्त्रीय विधि का प्रयोग किया जाता है। हमारे शरीर की सुरक्षा के लिए यह नाग के फैन को अपने घरों में रखता है जो हमें बेचने से बचाता है। इसका प्रयोग करने का उपाय बताया गया है। यह दर्द, खांसी, पेट के रोग, जोड़ों की सूजन और दर्द, भूख की समस्या, आंखों की लाली, चर्म रोग, घाव, जलन और पेलिया में बहुत उपयोगी है। एक तरह से कहा जाए तो यह संजीवनी से भी कम नहीं है। इसके पत्ते यानी फूल और फल बहुत उपयोगी हैं। इसका प्रयोग हम केश, रस या टैबलेट के रूप में कर सकते हैं। कभी भी इसका प्रयोग बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करना चाहिए।

ये हैं नागफनी के साइड इफेक्ट्स
01 – इसके अधिक सेवन से ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित होने के कारण हाइपोग्लाइमिक की संभावना बन जाती है।
02 – किसी भी सर्जरी से पहले इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए।
03 – उल्टी-दस्त की संभावना.
04 – इसके प्रयोग की सही विधि जानकारी न होने के कारण एलर्जी की शिकायत भी हो सकती है।
05- किडनी, पथरी और कैल्शियम की समस्या बढ़ने की भी संभावना बनी रहती है।
इस औषधि का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है।

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