उत्तर
यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाए, तो किडनी फेलियर हो सकती है।
यूरिक एसिड के सेवन से गठिया का खतरा बढ़ जाता है, जिससे विषाक्तता होती है।
यूरिक एसिड में कौन सी दालें नहीं खानी चाहिए: आज के मूल सिद्धांतों में लोगों की जीवनशैली और खान-पान की आदतें बदल दी गई हैं, जिनका असर सेहत पर साफ तौर पर देखा जा सकता है। कम उम्र में ही लोग गंभीर चुनौती का शिकार हो रहे हैं। आजकल सबसे ज्यादा बढ़ोतरी वाली नाइट्रोजन में यूरिक एसिड भी शामिल है। यूरिक एसिड हमारे लिवर में बनने वाला एक वेस्ट प्रोडक्ट होता है, जो किडनी से होता है पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। हालाँकि वर्तमान समय में बड़ी सहजता में लोग यूरिक एसिड बढ़ने से परेशान हैं। असल में यह सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो किडनी फेलियर की नौबत भी आ सकती है। ऐसे में इसे कंट्रोल करना जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि लेवल खान-पान और बेहतर लाफइस्टाइल से यूरिक एसिड को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमरेन्द्र पाठक के अनुसार यूरिक एसिड बढ़ने की 3 प्रमुख वजहें हैं। सबसे पहले किडनी या लिवर की कार्यक्षमता में गड़बड़ी होती है। अगर किडनी या लिवर में कोई परेशानी है, तो यूरिक एसिड के सही तरीकों से बाहर न निकलें और इसका स्तर सामान्य से ज्यादा हो। यूरिक एसिड बढ़ने की दूसरी सबसे बड़ी मात्रा भारी मात्रा में हाई प्यूरिन और हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन होता है। इसके अलावा तीसरी सबसे बड़ी वजह बिना एक्टिविटी वाली लाइफस्टाइल है। आम तौर पर वसा कारणों से यूरिक एसिड की मात्रा दोगुनी होती है।
यूरिक एसिड किस कारण से बनता है?
यूरोलॉजिस्ट की राय तो यूरिक एसिड बढ़ने से हमारे शरीर के छोटे-छोटे जोड़ों में जाम हो जाता है और गठिया की समस्या पैदा हो जाती है। गठिया एक प्रकार का अर्थराइटिस है, जिसमें हाथ-पैर और अन्य अंगों के जोड़ों में तेज दर्द होता है और लोगों को धीरे-धीरे चलने-फिरने में काफी परेशानी होने लगती है। कुछ लोगों में यूरिक एसिड बढ़ने से किडनी स्टोन की समस्या हो जाती है। यदि यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाए, तो कई मामलों में किडनी फेलियर की नौबत आ सकती है। हालाँकि राहत वाली बात यह है कि यूरिक एसिड लाइलाज बीमारी नहीं है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
इन 5 दालों में खाने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है
डॉ. अमरेन्द्र पाठक कहते हैं कि दालों में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है और लगभग सभी दालों में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। ऐसे में यूरिक एसिड के नुकसान को दूर करने के लिए दालों का सेवन कम करना चाहिए। उड़द, मूंग, अरहर, सोयाबीन, लोबिया और चने की दालों में प्रोटीन की मात्रा अधिक मानी जाती है और जिन लोगों में यूरिक एसिड अधिक होता है, वे इनका सेवन कम से कम करें। ऐसा करने से बढ़ सकती है समस्या. इसके अलावा हाई प्रोटीन वाले सभी खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। वेजिटेरियन लोग इस बारे में डॉक्टर या साइंटिस्टियन की सलाह लेकर सामाग्री चार्ट बना सकते हैं।
इन नॉन वेज खाद्य पदार्थों में भयंकर प्यूरिन होता है
डॉक्टर के अनुसार वेज फूड्स की वैलिडिटी नॉन वेज खाना यूरिक एसिड में ज्यादा खतरनाक माना जा सकता है। रेड मीट को यूरिक एसिड के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक माना जाता है। इसमें प्यूरिन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ा सकता है। यूरिक एसिड के सेवन से सीफूड, रेड मीट सहित सभी नॉनवेज खाद्य पदार्थों से पूरी तरह दूरी बनाई जानी चाहिए। यदि व्यक्ति अपनी सामग्री को अच्छा कर लें, तो इससे काफी हद तक राहत मिल सकती है। मापदंडों और नियमित फिजियोलॉजी यूरिक एसिड नियंत्रण का प्रभावकारी उपाय माना जा सकता है। हालांकि जिन लोगों की समस्या सबसे ज्यादा है, वे डॉक्टर से मिलकर सलाह लें। यूरिक एसिड को प्रतिबंधित करना खतरनाक है।
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पहले प्रकाशित : 22 दिसंबर, 2023, 10:21 IST
