
लाल सागर में हमलों का शिकार हुआ युद्धपोत।
लाल सागर में हमलों का शिकार हुआ एमवी साईबाबा भारतीय ध्वज वाला पोथ नहीं था। भारत के अधिकारियों ने उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें लाल सागर में भारतीय ध्वज वाले जहाज पर हुए हमले की बात सामने आई थी। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी लाल सागर में कथित तौर पर समुद्री हमलों की जद में ‘एमवी साईबाबा’ नाम का तेल ब्रोकरेज भारतीय ध्वज वाला पोर्ट नहीं है। रविवार को भारतीय अधिकारियों का यह जनरल अमेरिकी सेना की मध्य कमान द्वारा तेल प्रतीक को भारतीय ध्वज वाला पॉट नामांकन के बाद आया है।
अधिकारियों ने कहा कि एमवी साईबाबा एक गैबॉन-ध्वज वाला पोस्ट है और इसे ‘भारतीय पॉट रजिस्टर’ से प्रमाणित किया गया है। दुनिया भर के पॉट विभिन्न देशों में पंजीकरण प्रमाणन प्राप्त कर सकते हैं। अमेरिकी मध्य कमान ने कहा है कि दक्षिणी लाल सागर में यमन के होती विद्रोहियों के शिखर पर डूबे दो पोतों से एक ध्वज भारतीय वाला तेल भी निकला है। कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है, स्थानीय समय पर रात करीब आठ बजे अमेरिकी नौसेना की मध्य कमान के दक्षिणी लाल सागर में दो पोतों से रिपोर्ट मिली कि उन पर हमला किया गया है।
हूती विद्रोहियों ने खण्डहर बनाया
हूती विद्रोही लाल सागर में लगातार विनाशकारी हमले कर रहे हैं। अब तक वह इजराइल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के आतंकवादियों पर आतंकवादी हमले कर चुके हैं। बयान के मुताबिक, नॉर्वे के झंडे वाले तेल निगम ‘एम/वी ब्लामैनेन’ ने होती विद्रोहियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जिसमें किसी के घायल होने या घायल होने की सूचना नहीं है। इसके मुताबक, भारतीय ध्वज एवं गैबॉन के स्वामित्व वाले एक अन्य तेल प्रदर्शनी ‘एम/वी साईबाबा’ ने भी उस पर साम्राज्यवादी हमलों की सूचना दी। इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। एक भारतीय अधिकारी ने स्पष्ट कहा, ”यह गैबॉन का ध्वज वाला चित्र है। (भाषा)
