रूपांशु चौधरी/बाद में.हृदय से संबंधित रोग एक वैश्विक समस्या है। दिल की धड़कन से अचानक होने वाली सर्जरी बहुत आम हो रही है। बुजुर्गों के साथ अब बेहद कम उम्र के युवाओं में दिल का रोग आम हो गया है। ठंड के दिनों में इसकी संभावना और बढ़ोतरी भी होती है। लेकिन आयुर्वेद में एक पेड़ का वर्णन है। जिसका इस्तेमाल लोग हजारों सालों से अपने दिल को स्वास्थ्य बनाने के लिए करते हैं। साथ ही पेड़ झारखंड के ज्यादातर जगहों पर देखने को मिलता है। इस पेड़ का नाम अर्जुन का पेड़ है।
प्रिंस के जिला आयुष चिकित्सा प्रभारी डॉ. श्याम नंदा तिवारी ने कहा कि अर्जुन के पेड़ को झारखंड में काहुवा के नाम से जाना जाता है। कहुआ के पेड़ में कई ताकतों से लड़ने की क्षमता होती है। कहुआ के पेड़ के फूल हृदय रोग के लिए काफी चमत्कारी होता है। इससे हार्ट का ब्लॉकेज खुलता है। साथ ही खून भी साफ होता है. सागर के मौसम में लोगों के बीच दिल की बीमारी बढ़ती है। इसका उपयोग उनके लिए काफी शानदार है। इस पेड़ के छात्रों से मधुमेह और शिष्यों की सूची में लाभ का अन्वेषण है।
ऐसे करे प्रयोग
डॉ. श्याम नंदा तिवारी ने बताया कि इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पुराना और लाभकारी उपाय है कि इन क्वाट को बनाया जा सकता है। इसके लिए अर्जुन के पेड़ की मूर्ति या पत्ते को पानी में 10 खौलाया कर अच्छा ले। इसमें तीन खंड पानी और एक खंड छात्र का प्रयोग करें। फिर इसे ठंडा होने के बाद छोड़ दें और ठंडा होने के बाद इसे ग्रहण करें। इससे हृदय का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। इसका प्रयोग प्रतिदिन किया जा सकता है। इसके अलावा लोग इसके केश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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पहले प्रकाशित : 24 दिसंबर, 2023, 16:48 IST
