रायपुर. छत्तीसगढ़ से हैरान करने वाली खबर है. यहां की सड़कें कोरोना से भी ज्यादा घातक हैं। जी हाँ, इतना जानें कोरोना से तीन साल में चले गए, करीब-करीब छोटे-छोटे गरीब सड़क पर उनके करीब एक साल हो गए। छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना में हर साल करीब 17 हजार का नुकसान हो रहा है। वहीं, कोरोना में तीन साल में करीब 18 हजार लोगों की मौत हो गई। फिरोजाबाद क्राइम रिकॉर्ड ब्युरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022 में 16 हजार 893 लोंगो की जान रोड दुर्घटना में हुई है। आंकड़ों के अनुसार 248 की मृत प्राकृतिक संपदा की वजह से हुई है। ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो गंभीर रूप से घायल हो गए और सैकड़ो लोग बेघर हो गए। शान की सवारी गाड़ी जान भी फ्रैंक ले रही है।
28 राज्यों के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े जारी किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े अपराधियों की मौत के मामले हुए हैं। यह आंकड़ा 56.4 प्रतिशत है. वर्ष 2021 में राज्य में 19265 अनारक्षित दर्जे की उड़ान। इसमें 244 तापमान के कारण प्राकृतिक थे। हालाँकि, वर्ष 2022 के विश्व में 12.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। छत्तीसगढ़ के बाद हरियाणा दूसरे नंबर पर है. यहां मृत्यु का प्रतिशत 53.5 रहा. तीसरा नंबर है महाराष्ट्र. यहां मृत्यु का प्रतिशत 53 रह रहा है.
पुलिस क्या कहती है
इस मामले में उप पुलिस अधीक्षक गुरुजीत सिंह का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मौत के आंकड़े बढ़े हैं. ई-कॉमर्स कंपनी को रोक लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस का प्रयास जारी है। विशेष कार्रवाई से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर अभियान भी चलाया जाता है। वैल्यूएशन वाहनों पर कार्रवाई भी हो रही है।
सड़क बेचने का मुख्य कारण
सड़क दुर्घटना के कई कारण भी सामने आये हैं. इनमें शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज गाड़ी चलाना, रोंग साइड राईड, युवाओं द्वारा तेज गाड़ी चलाना मुख्य रूप से शामिल हैं। इन कारणों से दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इसके साथ ही मालवाहक ट्रैक्टर में सवारी ढोने की वजह से भी कई बार भीषण दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
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पहले प्रकाशित : 25 दिसंबर, 2023, 09:37 IST
