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ख़त का जवाब! वीपी जगदीप धनखड़ ने बुलाया, फिर भी क्यों नहीं मिले खड़गे? पत्र लिखने का असली कारण क्या है?


नई दिल्ली: 25 दिसंबर को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को संसदीय दल और प्लास्टिक ऑर्केस्ट्रा के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए अपने आवास पर आमंत्रित किया गया था, मगर मल्लिकार्जुन खड़गे आज नहीं मिले। कांग्रेस के अध्यक्ष और साझीदारी के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र का जवाब दिया और बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाबी खत में कहा कि वह आज मुलाकात नहीं कर पाएंगी, क्योंकि वह अभी दिल्ली से बाहर हैं और दिल्ली वापस आकर ही मुलाकात करेंगी।

खार्गे ने मीटिंग की वजह न बताई
मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति और उच्च सदनों के ब्लॉक जगदीप धनखड़ के पत्र के जवाब में लिखा और कहा कि ‘सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित और पूर्व धारणा है।’ आज अपने कक्ष में विभिन्न मामलों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किए गए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि वह दिल्ली से बाहर और राष्ट्रीय राजधानी के दौरे के बाद नई बैठक का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने आगे कहा, ‘वापस मैं दिल्ली से बाहर हूं, यह मेरी नियुक्ति होगी और वास्तव में मेरी ड्यूटी होगी कि मैं दिल्ली आऊंगा ही आपकी सुविधा, बस जल्द से जल्द मिलूं।’

मल्लिकार्जु खरगने और क्या कहा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि डेमोक्रेट सदनों के संरक्षक हैं और उन्हें सदनों की गरिमा बनाए रखते हैं, विधायकों की रक्षा करने और संसद में बहस करने, चर्चा करने और उत्तर के माध्यम से अपनी सरकार को जवाब देने के लिए लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की सबसे अधिक आवश्यकता है। आगे बढ़ना चाहिए. यह परिवर्तन होगा, जब इतिहास बिना बहस के जारी किए गए वैज्ञानिकों और सरकार से सीमेंट की मांग न करने के लिए पुरासीन अधिकारियों को नाम से आदेगा।

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में क्या लिखा है
बता दें कि गायक जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद में कोलोराडो और प्लास्टिक मंडलों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए 25 दिसंबर को अपने आवास पर आमंत्रित किया था और कहा था कि वे बार-बार शीतकालीन सत्र के लिए आग्रह करेंगे। ऐसी बैठक के दौरान कोई हो नहीं सकी. विपक्ष ने कहा था कि लॉर्ड्स में वियोज्य इंटरटेन था और रणनीति के तहत था। धनखड़ ने पत्र में कहा, ‘इस एपिसोड में मुख्य फ्रैंचाइज़ी दल की पूर्व नियोजित भूमिका की ओर से, मैं आपको लज्जित नहीं करना चाहता था, लेकिन जब भी मुझसे बातचीत करने का अवसर लाभ मिलेगा, तो मैं आग्रह करता हूं कि वह इसमें शामिल हो जाएगा।’

क्रिसमस पर मिलने का निमंत्रण न्योता था
सर्जना में नामांकन के नेता खड़गे को एक ताजा पत्र में धनखड़ ने लिखा, ‘हमें आगे बढ़ने की जरूरत है और उन्हें 25 दिसंबर को या उनकी सुविधा के अनुसार किसी भी समय अपने आधिकारिक आवास पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाए। खड़गे के 22 दिसंबर के पत्र का जवाब देते हुए कहा गया है कि कांग्रेस नेता संतोष का दावा करते हैं कि ‘हम बातचीत और बातचीत में दृढ़ता से विश्वास रखते हैं’ वास्तव में चरितार्थ हो पाता है। धनखड़ ने पत्र में लिखा है कि पूरे सत्र के दौरान मैंने सदनों से आग्रह किया था कि कभी पत्र लिखकर आपसे संवाद और परामर्श करने का आग्रह किया जाए, बार-बार बातचीत के लिए आग्रह करना मेरा हर प्रयास विफल रहा है।

ख़त का जवाब!  वीपी जगदीप धनखड़ ने बुलाया, फिर भी क्यों नहीं मिले खड़गे?  पत्र लिखने का असली कारण क्या है?

पहले भी खड़गे और उपाध्यक्ष लिखे गए पत्र हैं
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने शुक्रवार को धनखड़ को लिखे पत्र में कहा था कि भारत की संसद में लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को खत्म करने के लिए तीन बड़े पैमाने पर बड़े पैमाने पर मतदान किया जा रहा है। खड़गे ने धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि वह तीन से अधिक कलाकारों के निलंबन से दुखी एवं व्यथित हैं और निराशा एवं निराशा महसूस कर रहे हैं। इससे पहले डिप्टी धनखड़ ने खड़गे को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि आसन से स्वीकार न करने की जा सकने वाली मांग सदनों को पंगु बनाने का मौका और खोज के खिलाफ है। संसद के शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले सामुद्रिक साम्राज्य के लिए आपातकाल का आह्वान किया गया। शीतकालीन सत्र के दौरान अनुचित व्यवहार और कदाचार के कारण मिर्ज़ापुर पर रोक लगा दी गई। शीतकालीन सत्र चार दिसंबर को शुरू हुआ और 22 दिसंबर को समाप्त होने वाला था। (इनपुट भाषा से भी)

टैग: जगदीप धनखड़, मल्लिकार्जुन खड़गे, संसद





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