दिलीप/कैमूर. मोमोरी सा खूबसूरत के साथ बेहद खूबसूरत होना भी लाजवाब है। इसके युवाओं की कोई कमी नहीं है. हर उम्र की माँ की सा पसंद पसंद होती है। आईआर पार्टी में जाना हो या कहीं भी घूमना, मिरकी सा स्ट्रीचर महिलाओं की पहली पसंद होती है। बाजार में आपको लॉजिक की क्वालिटी मिल जाएगी। साज़िशों की कीमत का पता लगाना मुश्किल है। कैमूर के भभुआ में अभी कुछ कलाकारी साकी सा तराशी हुई हैं। उन्ही में से एक कलाकार सद्दाम हुसैन है। जो अपने पिता से गंगा सीख कर प्लाज्मा की सा स्ट्रेंथ तैयार करते हैं।
कलाकार सद्दाम हुसैन ने बताया कि जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ते थे तब से अरघा पर अपने हाथों से तोड़ते आ रहे थे। वह 2013 से लगातार लगातार टूटते आ रहे हैं। फिल्म निर्माण का फिल्मी प्रोडक्शन से चला आ रहा है। अवास्तविक भी रोल रोल बनाने का काम करते हैं। पिता जी से पहले दादा जी हाथ से बनाने का काम करते थे। अपने पिता से सीख कर रोज़गार ही बनाना का काम कर रहे हैं। ये हमारा खानदानी पेशा है. सद्दाम ने बताया कि केरल में कई वैरायटी आती हैं। जिसमें मुख्य रूप से तसर, कटिया, फ़्लॉयरी, कटान, मूंगा कोटा लॉज आदि शामिल हैं। इन सभी वैरायटी का रूझान को तैयार करें।
इन साडारियों में रहता है भारी डिजायट
सद्दाम ने बताया कि इन सभी में सबसे ज्यादा चॉकलेट कॉटन और तसर की सा बनी होती हैं। जिसकी कीमत एक हजार रुपये से लेकर 14 हजार रुपये तक होती है। यहां ऑर्डर डिलीवरी पर ही सा प्लांट तैयार किया जाता है। जिस प्रकार का अभिलेख रहता है उसी आधार पर रेट भी तय होता है। उन्होंने बताया कि अमेरीका में स्टॉल स्टॉक भी बेचे जाते हैं। किसी को भी रोजगार लेना हो तो वो भभुआ के बेलवतिया तालाब के पास शिक्षा विभाग के परिसर के पास ज्ञान ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि केरल की साड़ियों का विशेष तरीके से ख्याल रखा जाए तो हो सकता है। व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, इसमें उपकरण, रंग, डिजाइन आदि की विशेषताएं और खराब ना हो।
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पहले प्रकाशित : 26 दिसंबर, 2023, 16:34 IST
