सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: आलू के लिए मशहूर फर्रुखाबाद में हर दिन करोड़ों रुपये का पापड़ी का कारोबार होता है। जिस प्रकार यहां पर गुड़िया और थैले से पापड़ी तैयार की जाती है। इनका तरीका भी अलग है. यही कारण है कि अन्य जिलों के लोग भी जिले में ज्ञान पापड़ी का स्वाद लेते हुए देखते हैं। विद्यार्थी होते हैं उनका तरीका इतना अलग होता है. जिससे पापड़ी का एक अलग ही स्वाद आता है. यथार्थ का प्रयोग इसमें किया जाता है। वह इसका स्वाद भी बढ़ाता है।
फर्रुखाबाद में वैसे तो कई प्रमुख स्थान हैं। जहां पर प्रतिदिन पापड़ी की बिक्री होती है। इसमें कामगंज, मोहम्मदाबाद, सरदारगढ़, कंपिल और फर्रुखाबाद शहर में अच्छी बिक्री होती है। फर्रुखाबाद के तालाब, जहानगंज के पापड़ी नेता राकेश कुमार छात्र हैं। कि वह पिछले 30 वर्षों से यहां पापड़ी की दुकान पर दवाइयाँ आ रहे हैं। खुद हाथों से पीसकर प्रोटोटाइप तैयार करते हैं। ऐसे समय में जब बिक्री अच्छी होती है तो 200 से 300 पापड़ी तक प्रतिदिन बिक जाती है। वहीं सीजन के हिसाब से अच्छी बिक्री होती है। ऐसे समय में वह दो से तीन हजार रुपये की दैनिक आय कर लेती है।महीने में घर से सात हजार रुपये की बचत भी हो जाती है।
ये है स्पेशल पापड़ी बनाने की पूरी रेसिपी
आटे के आटे से गोल आकार में पापड़ी तैयार की जाती है। इन सभी नोटबुक्स को एक साथ मिलाकर बनाया जाता है। इसमें नोटबुक और डायनासोर का तड़का लगाने के साथ-साथ हरे मसालों को भी शामिल किया जाता है। वहां बाद में दही का प्रयोग होता है. जो इसके स्वाद को बढ़ाता है। पापड़ी तैयार करने के लिए सबसे पहले स्वादिष्ट आलू, चना, प्याज, टमाटर और हरी मिर्च के साथ ही धनिया, नींबू, काला नमक जीरा, लाल मिर्च, जलजीरा, आटे का आटा और सोयाबीन तेल और टमाटर के साथ ही पिसे हुए विशेष मसाले का प्रयोग किया जाता है।
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पहले प्रकाशित : 25 दिसंबर, 2023, 12:27 IST
