मोहन प्रकाश, सुपौल। ठंड शुरू होने के साथ ही गठिया, साइटिका, गठिया रोग, एस्ट्री गठिया रोग सहित विभिन्न प्रकार के वात रोग से पीड़ित लोगों की परेशानी भी बढ़ जाती है। इससे जुड़े लोगों के समूह पूरे शरीर में जोड़ों में लगातार तेज दर्द रहता है। यदि आप भी इस बीमारी से परेशान हैं, तो छोटा सा होम ऑफिस आपको हमेशा के लिए यहां भेज सकता है। इसके लिए आयुर्वेद में बहुत ही आसान उपाय बताया गया है। जिले के सिमराही नगर पंचायत वार्ड-8 स्थित आयुर्विज्ञान अनुसंधान फाउंडेशन के आयुर्वेदाचार्य रीतेश कुमार मिश्र का कहना है कि ठंड के दिनों में शुष्क मौसम में रहने पर रूखापन या खुश्की बढ़ जाती है।
इस कारण शरीर में वात का प्रकोप बढ़ जाता है। लेकिन लहसुन के सेवन से वात का प्रकोप कम हो जाता है और इस दर्द से जुड़ी सभी समस्याओं से राहत मिल जाती है।
आयुर्वेद में लहसुन को अमृत समान माना गया है
उन्होंने बताया कि लहसुन को आयुर्वेद में अमृत के समान माना गया है। वे कहते हैं कि आयुर्वेद में छह प्रकार के रसों का वर्णन है। कटु, तिक्त, कषाय, मधुर, लवण और अम्ल। पांच प्रकार का रस अकेले लहसुन में पाया जाता है। इस कारण इसका रस अमृत के समान बताया गया है। लहसून से शुद्ध देसी घी खरीदने के लिए वॉट्सएप से इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदें। इससे किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता.
शुद्ध घी में भूनकर खाने से ठीक होते हैं सभी प्रकार के वात रोग
आयुर्वेदाचार्य रीतेश कुमार मिश्र कहते हैं कि चार-पांच लहसुन का छिलका उन्हें शुद्ध देसी गाय के घी में भूना जाए तो सबसे अच्छा है। अन्यथा भैंस के घी में भी गुलाबी होने तक इसे भूनकर खाने से सभी प्रकार के वात रोग ठीक हो जाते हैं।
इसका सेवन अगर रात को खाने के साथ किया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। नियमित रूप से सेवन करने से सभी प्रकार के वाट्सएप के अलावा हार्ट से संबंधित समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।
.
टैग: बिहार के समाचार, भोजन 18, स्वास्थ्य सुझाव, सुपौल न्यूज़
पहले प्रकाशित : 27 दिसंबर, 2023, 12:03 IST
