उत्तर
एसएमएस अस्पताल में दस्तावेज़ भंडार
दोस्ती को नहीं मिल पा रही जरूरी जरूरी दुआएं
पेशेंट लोड ग्रोथ से लंबी दूरी- लंबी कतारें
जयपुर. राजस्थान का सबसे बड़ा एसएमएस हॉस्पिटल इन दिनों रिजर्व बैंक का केंद्र बन गया है। यहां इलाज के लिए वाले को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। हॉस्पिटल में रोजाना 10 से बारह हजार मरीज इलाज कराने आते हैं। इसके अलावा करीब 2500 मिष्ठान्न सेवा संचालित है। अस्पताल में पहुंचने वाले गंभीर मरीज़ों के लिए व्हीलचेयर और व्हील चेयर के उपकरण उपयुक्त नहीं हैं। अस्पताल परिसर में कई लोग अपनी प्यास को जन्म देकर ले जाने के लिए मजबूर हैं।
धन्वन्तरी राक्षस से लेकर चरक भवन में बस्ती की लम्बी-लम्बी कतारें लगी रहती हैं। दावे से लेकर डॉक्टर के पास और जांच में कई गरीबों का पूरा दिन गुजर जाता है। आबादी की भीड़ बढ़ने से चर्च के पास की क्षमता से अधिक शक्तिशाली शक्ति है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में विशाल टेलीकॉम टावर के लिए पेशेंट ड्राइव की तैयारी चल रही है।
सीएम ने किया अस्पताल का निरीक्षण
सोमवार को राजस्थान के नए सीएम भजनलाल शर्मा ने एसएमएस का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने अस्पताल की चिकित्सा सुविधा और स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। साथ ही वहां उपस्थित अतिथि और उनके परिजनों के साथ बातचीत भी की थी। अस्पताल में गंदगी के ढेर को देखने वाले सीएम ने प्लास्टर लगाया था। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान 3 कर्मचारियों को अलग-अलग ऑर्डर देने का आदेश मिला।
पूर्व में सैटेलाइट अस्पताल का प्लान बनाया गया था
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि एसएमएस हॉस्पिटल में इलाज के मामले में सबसे बेहतरीन अस्पताल है। यहां के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी सबसे कुशल हैं। इन सभी व्यवस्थाओं के लिए सभी स्तरों पर बड़े पैमाने पर निर्णय लेने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि अशोक गोवा सरकार ने इस दौरान शहर के कोने-कोने में सैटेलाइट अस्पताल बनाने की योजना बनाई थी। इसके अलावा आरयूएचएस हॉस्पिटल को भी पूर्ण क्षमता से संचालित करने का निर्णय लिया गया।
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पहले प्रकाशित : 27 दिसंबर, 2023, 20:33 IST
