नीतीश की राजनीति: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार में बड़ा ‘खेला’ हो रहा है? नीतीश कुमार अब सीएम पद से क्या त्याग कर देंगे? इन सारे सवालों का जवाब 29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली नोएडा नेशनल कंसल्टेंसी और नेशनल काउंसिल की बैठक में होंगे। लेकिन, इस बैठक में क्या-क्या फैसले लिए जा सकते हैं, इस पर अभी से बैठक शुरू हो गई है। यह संकेत कोई और नहीं खुद सीएम नीतीश कुमार और पार्टी के अन्य नेता दे रहे हैं. मंगलवार को भी मीडिया में आई नोएडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के निधन की खबर इसी से जुड़ कर देखी जा रही है। इसके साथ ही नॉवेल में कुछ जजमेंट के लिए गए नीतीश कुमार के अगले कदम का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
बता दें कि नीतीश कुमार के अगले कदम के बारे में अभी तक उनके कुछ विश्वासपात्रों के अलावा कोई भी स्टार नहीं रहा है। इन सभी घटनाओं में असामी सुप्रीमो स्टालिन यादव और तेजस्वी यादव ने शैले बना ली हैं। बिहार की राजनीति को करीब से इशारा करने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, ‘नीतीश कुमार मौजूदा दौर के चतुर-चालाक नेताओं में से एक हैं।’ इसमें कोई दो राय नहीं है कि उनके हर दल के नेता मित्रवत हैं, जो समय-समय पर अलग-अलग समय पर आते रहते हैं। जहां तक मेरी जानकारी है नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से भविष्य की राजनीति को लेकर दबाव में थे. पार्टी के कुछ नेताओं के विचार अचानक से ही उनके विचार मेल नहीं खा रहे थे. इसी कारण से उन्होंने नेशनल काउंसिल की भी बैठक में सहयोग के साथ-साथ काम किया है।’
नीतीश कुमार को लेकर क्या बीजेपी में हचचल तेज हो गई है? (फ़ॉलो फोटो)
नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी में हलचल तेज
इधर, नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी में हचचल तेजी से हो गई है। भाजपा के एक बड़े नेता और केंद्र के एक बड़े मंत्री से देर रात भाजपा के सहयोगियों की मुलाकात हुई। भाजपा में कोई भी दल शामिल नहीं था, तो नीतीश कुमार के लिए भाजपा में कोई दल नहीं था। बीजेपी ने कुछ शर्त तय की है, अगर नीतीश मानेंगे तो गठबंधन में भर्ती हो सकती है। नवीनतम लेकर नीतीश कुमार अगले 48 घंटे में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
क्या कहते हैं राजनीतिक स्थिरांक
बिहार के करीबियों से मिलने वाले बुजुर्ग पत्रकार संजीव पांडे कहते हैं, ‘जेडीयू के अंदर हंगामा हुआ है। नोएडा के कई न्यूनाधिक बीजेपी में आने के लिए व्याकुल हैं। ये सारे नैमित्तिक नीतीश कुमार लगातार कम्यूनिस्ट पेट्रोलियम पदार्थों से गठबंधन कर रहे थे, जिससे उनका नुकसान हो रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इन कलाकारों की बातों पर लगातार अनसुना कर रहे थे. यही कारण है कि कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने अपने सभी कलाकारों से दिल्ली में मुलाकात की और उनके मन को टटोला दिया। इधर, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद हालात बदल गए हैं। इंडिया अलायंस में भी नीतीश कुमार लगातार शामिल हो रहे हैं. शायद नीतीश कुमार को इन वजहों से पार्टी क्रिएटर का भी डर सता रहा होगा और इसी वजह से वह परेशान हैं।’
नीतीश कुमार अगले कुछ घंटों में बड़ा फैसला ले सकते हैं। (फ़ॉलो फोटो)
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मित्रता है कि मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने 29 एजेडों पर कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी। इसमें महाविद्यालय को राज्यकर्मी का पदस्थापित करना भी शामिल है। बता दें कि इसी साल जुलाई में पटना में शिक्षा विभाग के कई समर्थकों को लेकर बीजेपी ने प्रदर्शन किया था, जिसमें बीजेपी के एक नेता की मौत हो गई थी और कई अल्पसंख्यक और नेता लाठीचार्ज में घायल हो गए थे. संभवतया नीतीश कुमार इन एसोसिएट के माध्यम से बीजेपी से प्रतिस्पर्धा करने का प्रयास कर रहे हैं।
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पहले प्रकाशित : 27 दिसंबर, 2023, 15:30 IST
