अनूप/कोरबाः यूट्यूब में कई सामाजिक संगठन ऐसे हैं जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। कोरबा जिले में भी ऐसा ही एक संगठन धरती को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से कम किया जा रहा है। इस दावे से संगठन का नाम भी ‘हेरियर धरती’ रखा गया है। संगठन के लोगों द्वारा कोरबा जिले के कई स्थानों पर समय-समय पर स्मारकों का मूल्यांकन किया जाता है और समय-समय पर स्मारकों को आवश्यक सामग्रियां सहायता प्रदान की जाती है।
बीहड़ क्षेत्र में रीच बँटके कोलम्बिया
कोरबा में जिस तरह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, उस जिले के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले रिवाल्वर के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है। गर्मागर्म सामानों के अभाव में उन्हें ठुठुरना पड़ रहा है। ऐसे समय में उनकी मदद के लिए हरियर धरती नामक सामाजिक संगठन सामने आया है, जिसमें जिले से 50 किमी दूर सतरेंगा में रहने वाले अभावग्रस्त लोगों के बीच 200 किमी और गांव सौ मच्छरदानी का वितरण किया गया है। संगठन के इस कार्य की जोरदार मार्केटिंग हो रही है।
ऐसे हुई थी संगठन की शुरुआत
वर्ष 2015 में कोरबा जिले के रेलवे स्टेशन में आवासीय भवनअवधेश टूरिज्म ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह पहली शुरुआत की। इस संस्था का नाम उनके द्वारा ही हेरियर धरती रखा गया था जिसे लेकर आज तक यह संस्था जगह-जगह उपचार करने का काम करती है। इस सामाजिक संगठन में वर्तमान में 15 सदस्य सक्रिय हैं जो सामाजिक कार्य में लगे हुए हैं। इस संगठन के संरक्षक रेलवे क्षेत्रीय अधिकारी को बनाया गया है।
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अब तक लगा प्रायोगिक चिकित्सा उपकरण
संगठन के सदस्यों ने बताया कि संगठन पर अब तक लगभग 2000 से अधिक लोग गिरफ़्तार हो चुके हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। कोई भी सामाजिक कार्य संगठन सदस्य गण में ही कुछ रूपयों का संग्रह कर सकते हैं। संगठन में शामिल होने के लिए व्यक्ति को केवल ₹1 का चंदा देना होता है जिसके बाद वह इस संगठन का सदस्य बन जाता है।
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पहले प्रकाशित : 28 दिसंबर, 2023, 16:48 IST
