भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (एस सोमनाथ) ने यहां कहा कि भारत भू-खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रख रहा है। उन्होंने कहा कि सैनिकों के जहाजों पर नजर रखना और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें लेने की क्षमता के साथ-साथ विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों की एक परत का निर्माण शामिल होगा।
इसरो का उद्देश्य क्या है?
भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईओटी), मुंबई के वार्षिक विज्ञान और एसोसिएट फेस्टिवल ‘टेक फेस्ट’ को लेकर आए सोम ने कहा कि बदलावों का पता लगाने के लिए, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए सैटेलाइट से संबंधित और डेटा आधारित खोज के मामले में उपग्रहों की क्षमता हासिल करना जरूरी है। है.
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ (एस सोमनाथ) ने कहा कि अंतरिक्षयान देशों की सीमाएँ और पड़ोसी क्षेत्र नज़र में रखने में सक्षम नहीं हैं। सोमन ने कहा, ‘ये सब सैटेलाइट्स से देखा जा सकता है।’ हम इसे अवलोकन के लिए सैटेलाइट प्रक्षेपित कर रहे हैं, लेकिन अब विचार का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी को भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रह रहा है’.

ये कैसे देश के काम आएगा?
इसरो के प्रमुख सोमनाथ (एस सोमनाथ) ने कहा, ‘हमने अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए अपना संयोजन लिया है और अगले पांच वर्षों से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिए आवेदन किया है। भारत के लिए भेजा जा रहा है।’ सोमन ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले लक्ष्यों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है।
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पहले प्रकाशित : 29 दिसंबर, 2023, 24:11 IST
