रामकुमार नायक, रायपुरः भारत में नए साल का जश्न भगवान के आशीर्वाद से शुरू होता है। ऐसे लोग हैं, जो नए साल पर घर पर पूजा करते हैं। इसके अलावा साल के पहले दिन भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर जाते हैं। कुछ दिन बाद नया साल आने वाला है। साल 2023 का आखिरी महीना चल रहा है। नए साल की टीम और आशाएं लेकर आती है। लोग यही उम्मीद करते हैं कि आने वाले साल में उनके लिए अच्छा रहेगा। इस नए बार साल 1 जनवरी सोमवार को पड़ रहे हैं ऐसे में इस दिन कई भक्त भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले हैं। अगर आप इस बार नए साल के दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करना चाहते हैं, तो छत्तीसगढ़ के मंदिरों में इन पर आ सकते हैं।
राजधानी रायपुर के खारून नदी के तट पर महादेव घाट स्थित है। यहां भगवान भोलेनाथ का अलौकिक मंदिर है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की बाबा हटकेश्वर नाथ महादेव रूप की पूजा की जाती है। यहां की बातें ऐसी हैं कि जो लोक सेवा आयोग की यात्रा में पूछते हैं। बताया गया है, कि 1400 ईसा पूर्व में कल्चुरी शासक डॉनमदेव के पुत्र राजा रामचन्द्र ने इसका निर्माण कराया था। छत्तीसगढ़ के मिनी काशी के नाम से प्रसिद्ध रामपुर के हटकेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही शिव मंदिरों की भीड़ बनी रहती है। प्राचीन शिलालेखों पर मनोरोगी के लिए नाशवान जल निक्षेप करते हैं।
यहां दर्शन कर साल की शुरुआत
राजधानी रायपुर से लगभग 37 किमी दूर उत्तर दिशा में आरंग शहर है। यहां भगवान भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर यानी बाबा बागेश्वर नाथ मंदिर हैं। कहा जाता है कि वनवास के समय भगवान श्री राम ने बाबा बागेश्वर नाथ मंदिर में रुककर भोलेनाथ की पूजा की थी। इस कारण यह लोगों का आस्था केंद्र बना है।
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यहां बाबा बागेश्वरनाथ मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है। इसके अलावा म्युज़िक के महाकाल की आपूर्ति पर रात्रिभोज का विशेष श्रृंगार भी होता है। नए साल पर आप यहां भगवान बाबा बागेश्वरनाथ के दर्शन कर साल की शुरुआत कर सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 28 दिसंबर, 2023, 16:54 IST
