नई दिल्ली। किसानों को जल्दी ही गांव के आसपास के मौसम की जानकारी मिल जाती है। उसी के अनुसार किसान सींच कर सकते हैं, फ़सल बो सकते हैं और क्रेडिट का साज़िश कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 2.5 लाख अजार्जित में ऑटोमोटिव रेन फैक्ट्री (ऑटोमैटिक्स) खरीदने जा रही है। इसका टेंडर जनवरी में आउट हो गया। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार आगामी वाले डिबेक सीजन तक शामिलजी लग और सूचना देने वाले रिवाइवल, जिसके बाद किसानों को राहत मिलेगी।
केंद्र सरकार ने इंफ्र डायरैक्टर नेटवर्किंग और डेटा सितारम (विंड्स) योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को सीज़ की जानकारी देने के लिए एटो क्रिएटिव वेडर स्टार्टअप पर एटो एलेमिक रेन मोटर्स (आर्जी) स्टूडियो जाएंगे। ये उन उपकरणों पर नहीं बनाए गए या प्लांट जाएँगे, जहाँ पहले से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्मारक बने हुए हैं।
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में कुल आठ हजार बोटलाक में एटो चिंतक वेदर स्मार्तेशन और 2.75 लाख टुकड़े में शान रेन लग्जरी बनाए गए हैं। इसमें करीब चार हजार प्रोजेक्टाइल और 25 हजार प्रोजेक्ट से पहले भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्मारक बने हैं। इसलिए इनमें चार हजार से अधिक स्टूडियो में एटो कंसीलर वेडर मेटलेशन और 2.5 लाख रुपये की लागत से शोमि रेन पोर्टफोलियो शामिल हो जाएंगे।
मंत्रालय के अनुसार विंड्स योजना के तहत जनवरी में 16 उद्यमियों के लिए निविदाएं निकाली जाएंगी। अनुमान है कि 6 महीने में ये प्रतिमा स्थापित हो जाएगी। इस तरह इस सीजन में किसानों को आसपास की जानकारी मिल शिक्षा मिलती है।
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पहले प्रकाशित : 28 दिसंबर, 2023, 16:06 IST
