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इस उम्र के लोगों की हड्डियां मजबूत नहीं होती विटामिन डी संरचना, टूटने से भी टूटा, अध्ययन में हुआ खुलासा


विटामिन डी की खुराक पर अध्ययन: विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। यह हड्डियों में कैल्शियम की मदद लेता है। विटामिन डी की कमी से हमारे शरीर की हड्डियाँ ख़राब होने लगती हैं। आम तौर पर यह खाने-पीने की गुफा और सूरज की किरायों पर स्थित है। शरीर में विटामिन डी की कमी से कणों को काफी नुकसान हो सकता है। जो लोग व्यापारी से परेशान हैं, उन्हें डॉक्टर के अनुसार विटामिन डी डेस्टिनेशन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि ये जीवाश्म पत्थरों में सीमेंट को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। हालाँकि इसे लेकर एक पुराने दोस्त में कई हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं।

विटामिन डी स्वाद को सभी उम्र के लोगों के लिए जादुई माना जाता है, लेकिन एक खाद्य पदार्थ में शामिल होने का दावा किया गया है। अमेरिका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के नए अध्ययन में दावा किया गया है कि विटामिन डी पोर्टफोलियो बच्चों के शेयरों को मजबूत नहीं बनाते हैं। बच्चों को विटामिन डी पोर्टफोलियो से अवशेषों का खतरा भी कम नहीं होता है। आसान भाषा में कहें तो विटामिन डी की खुराक लेने से बच्चों को कोई फायदा नहीं होता है। यह बात शोधकर्ताओं के स्टार कास्ट में सामने आई है।

लैंसेट असोसिएट्स एंड एंडोक्रिनोलॉजी प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि इस अध्ययन में 6 से 13 साल की उम्र के करीब 8,800 बच्चे शामिल थे। बच्चों को विटामिन डी आर्किटेक्चर की खुराक देने के बाद भी खंडों को शामिल नहीं किया गया और न ही उनमें कोई खतरा पैदा हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बच्चों के शरीर में विटामिन डी आर्किटेक्चर के साथ नहीं जुड़ा और यह पूरी तरह फेल हो गया। तीन पूर्वी बच्चों को विटामिन डी की खुराक देने के बाद भी उन्हें विटामिन डी की कमी देखने को मिली, जबकि जिन बच्चों को खुराक नहीं दी गई थी, उन्हें विटामिन डी की खुराक देने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादातर विटामिन डी की कमी देखने को मिली।

रिसर्च करने वाले एंटीऑक्सीडेंट की गोलियां तो विटामिन डी पोर्टफोलियो बेहतर तरीके से काम करती है और फ्रैक्चर की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा काम करती है। जब इसे कैल्शियम के साथ दिया जाता है, तब यह रेखीय पदार्थों को भी मजबूत बनाता है। विटामिन डी प्राकृतिक रूप से वसायुक्त मांस और मछली के तेल में मौजूद होता है। जब सूर्य की रोशनी मानव त्वचा पर समाप्त होती है तो उसका उत्पादन होता है। इसे स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। विटामिन डी की कमी से स्केल की गंभीर एलर्जी का खतरा भी बढ़ जाता है।

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