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Pregnancy Tips: गर्भवती महिलाओं में ठंड से बचने के लिए न करें ये आदतें, अस्थमा बन सकता है नुकसान का कारण, एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें


मंगला तिवारी/मिर्जापुर: सूची में महिलाएं हर मामले में काफी संभलकर कदम उठाती हैं। फिर एनिमेटेड की कुछ बातें हो, फिर डेली रूटीन की कुछ आदतें हो, दवाओं का सेवन हो या फिर डेली रूटीन की कुछ आदतें। इस समय ठंड के मौसम में तो मुश्किलें और बढ़ोतरी होती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को गंभीर सावधानियों की जरूरत होती है, ताकि किसी भी तरह की कोई जटिलता या दुर्घटना न हो। ठंड के मौसम में गर्भवती महिलाओं को फ्लू, सर्दी, खांसी आदि संक्रमण का खतरा बना रहता है।

संस्था के मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा कॉलेज महिला एवं प्रसूति रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जूही देशपांडे ने कहा कि एक महिला के जीवन में कई सारी उम्मीदें होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने और बच्चे की देखभाल करनी चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी भी घातक हो सकती है।

क्रीम और लोशन:
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जूही देशपांडे ने बताया कि समुद्र के दिनों में स्कीइन मॉइस्चर और ऑयली फर्नीचर के खतरनाक अवशेष हैं। साथ ही पेट बढ़ने से भी त्वचा में कसाव आने से लेकर ट्रेक मार्क हटना हो सकता है। क्रीम और लोशन को एक निश्चित अंतराल पर रखा जाता है। उन्होंने आगे कहा कि शरीर के अंदर अधिक ठंड लगने से स्कूलल्ड सार्क अनुपात प्रभावित हो सकता है, जिसके कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए ऊनी वस्त्र भंडार के लिए। साथ ही घर से बाहर आँगन पर उत्तम गर्म जूता चप्पल।

क्रमिक आहार लें: डॉ. जूही देशपांडे
डॉ. जूही देशपांडे ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे उनकी आसानी से शर्त की पक्की में आ जाने की संभावना बन जाती है। ऐसे में भर्ती के दौरान महिलाओं को आहार लेना चाहिए। मौसमी फल बहुत ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि फलों के सेवन से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आप अपने शरीर की स्वतंत्रता का ध्यान रखें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। बहुधा लोग पानी प्लांट कम कर देते हैं। यह स्थिति पुनर्विक्रय हो सकती है.

इन आवेदनों को न करें अंतिम चरण:
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जूही देशपांडे का कहना है कि अगर किसी गर्भवती महिला को गले में खराश, खांसी, नाक बहना, सिरदर्द, बुखार या किसी भी प्रकार का बुरा दर्द है तो इन लक्षणों को बिल्कुल भी स्वीकार न करें। उन्होंने कहा कि अगर बुखार ज्यादा समय तक रहता है और साथ में बलगम कास्कुलर है तो ऐसे में गणितज्ञ में जाएं और डॉक्टर से सलाह लें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के परामर्श के अनुसार औषधियों का सेवन न करें।

टैग: स्वास्थ्य समाचार, स्थानीय18, गर्भवती महिला, सर्दियों में त्वचा की देखभाल



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