शिखा श्रेया/रांची. आजकल के बच्चों की मोमोज फास्ट फूड में पहली पसंद बनी हुई है। युवा बड़े डिज़र्वेशन के साथ में हैं मोमोज. हर स्टॉल पर आप मोमोज के लिए अच्छी मूर्तियां देखने को मिलेंगे। आपको मोमोज़ खाना स्वास्थ्य के लिए क्या पता है? बाज़ार ही नहीं बल्कि, यह 100 की शर्त भी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोलकाता से लेकर मोमोज तक की समस्या ऐसी ही होती है।
झारखंड की राजधानी रांची के जाने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर वी के पैंडेस ने लोकल 18 से कहा कि मोमोज खाना स्वास्थ्य के साथ एक बहुत बड़ी खुराक है। युवाओं को बताया जाएगा कि यह जवानी जिस चटकारे लेकर मोमोज के पीछे भाग रही है।
इन शर्तों को नया मौका देता है मोमोज़
वी के पैंडेज़ ने आगे कहा कि मोमोज एक तो कच्ची मैदे का बनता है। जो फ्री भी नहीं होता बस उसे स्टैम किया जाता है. इस वजह से यह बड़ी बात है कि यहां पर दुकानदारों को चिपकाया जाता है। इससे बड़ी आज से जो पोर्टफोलियो है उसे निकालने में परेशानी होती है। आपके लिए भी व्यायाम मोटापा का कारण बन सकता है। जो आपको अस्थमा और थकान जैसी स्थिति में ले जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जो भी स्टॉक मौजूद है, वह स्वास्थ्य के लिए काफी बिकवाली है और अल्सर में भी उपलब्ध है। कौन से पेट के पार्श्व में जलन व छाले भी पड़ सकते हैं। यह स्थिति काफी वैज्ञानिक हो सकती है। साथ ही एक समस्या है जो मोमोज खाने के 24 घंटे के अंदर आपको देखने को मिलेगा वह है ब्लैक की मिठास। यह सच है कि अगर आप मोमोज खा ले तो सुबह में आपको मल त्यागने में काफी परेशानी होगी।
घर पर खाना खा सकते हैं आटे के मोमोज
वीडियो के नोट्स में लिखा है कि बच्चों को मोमोज इतनी पसंद है तो वह घर में आटे का मोमोज ले जा सकते हैं. वह काफी पुराने तक के टुकड़े होते हैं. पर ध्यान रखें उनके साथ बनाए गए मसालों की जगह धनिया पत्ता, अजिगर और लहसुन मंडली स्वादिष्ट और स्थिरता बनाए रखें। यह खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है। अगर आप थोड़ा सा साबुन बरते तो आगे चलकर कई स्थिरता से बच सकते हैं।
(नोट- यह खबर आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा बनाई गई है.इसका बात लोकेल 18 पुष्टि नहीं करता है.)
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पहले प्रकाशित : 7 जनवरी, 2024, 11:03 IST
