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कौन सा तिल-माससा सौभाग्यशाली, कौन सा शोक गंभीर बीमारी, स्वीकारोक्ति संकेत


नाक, होठ, गाल, कान, गला, हाथ, पैर और तलवे पर नजर आने वाले काले रंग के छोटे-छोटे गोल तिल को लेकर अलग-अलग जगहों पर कई शुभ-अशुभ बातें कही-सुनी होती हैं। शरीर के कुछ हिस्सों को सौभाग्यशाली माना जाता है तो कुछ को दुर्भाग्यशाली का संकेत माना जाता है। 300000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 तिल और मस्ससे को नेचुरल का स्केल वाली कई लड़कियाँ तो आर्टिफ़िशियल तिल भी बॉन्ड प्लान करती हैं। वहीं, ज्योतिष और वैज्ञानिक विज्ञान में हर तिल या माससा में कुछ अलग ही कहानी है।

सबसे पहले कौन से सिद्धांत हैं कि तिल और मस्से होते हैं? तिल और माससे सामान्य त्वचा बिकती है। ये पिगमेंट समुद्री शैवाल के कारण नामित हैं। तिल ध आघातबे, जबकि मस्से कुछ उभरे हुए होते हैं। ये अक्सर छोटे, गहरे भूरे रंग के बेहद छोटे धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं। क्वेटर तिल और मस्से बचपन या सासंद में दिखाई देते हैं। विदेशी लोगों के शरीर में तिलों की संख्या 10 से 40 के बीच हो सकती है। हालाँकि, समय के साथ कुछ तिल या मससे अपने आप ख़त्म हो जाते हैं। वहीं, कुछ ताउम्र बने हुए हैं। वियेतर तिल या मास नक्षत्रों से कोई नुकसान नहीं होता है। वहीं, कुछ तिल या मास्से कैंसर समेत कई गंभीर चुनौती के संकेत दिए गए हैं।

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तिल-मास्सन की जांच
ज्यादातर डॉक्टर मेलेनोमा की जांच के लिए मैस्सों और सिद्धांतोंचा के गहरे रंग वाले डीएच शैलाबों की जांच करते हैं। त्वचा कैंसर को सबसे घातक माना जाता है। मेडिकल लैंग्वेज में अकेले मस्से को नेवस और इसी तरह के दोस्तों को नेवी कहा जाता है। तिल और मस्से जनमाजाट, एक्वार्ड और बाजार तीन तरह के होते हैं। जनमाँ के समय से नज़र आने वाले मससे या तिल जनमाँजात कहे जाते हैं। अमेरिका के ओस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, हर 100 साल में एक बच्चे के शरीर पर तिल या मसाज हो सकती है। इन रंगों में फर्क हो सकता है. तिल तिल या मस्से से कैंसर का कारण नहीं बनता है।

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तिल तिल या मस्से से कैंसर का कारण नहीं बनता है।

ऐसे मोल लेबल माने जाते हैं कैंसर का संकेत
जनरलजी फिशियन डॉक्टर मोहित एस रिज़र्व सेना कहते हैं कि एक्वार्ड मोल्स उन तिलों और मासों को कहा जाता है, जो बाद में त्वचा पर दिखाई देते हैं। ऐसे मोल्स ज्यादातर भूरे रंग के होते हैं। कई बार ये धूप में होने वाली स्किन डैमेज की वजह से भी बन जाती हैं। उम्र के बढ़ने पर खास बदलाव नहीं होते। हालाँकि, उनका रंग गहरा हो सकता है। ये बिल्कुल जरूरी नहीं है कि ये मेलानोमा में टेबल हो। कैंसर का सबसे खतरनाक लक्षण तिल या मास अस्थमा होता है। अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी के शोध के अनुसार, अमेरिका में हर 10 साल में कम से कम एक इंसान को अनियमित मोल्स की समस्या होती है। ये मोल्स आकार में बड़े और गहरे रंग के होते हैं।

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मेलानो साइट्स से कैसे बने हैं मसासे
अगर किसी मस्से के आकार के रंग या पाइपलाइन में बदलाव हो रहा है तो ये खतरे का संकेत माना जाता है। अगर मस्सासा काले रंग का हो जाए तो सबसे प्रिय खतरे का संकेत माना जाता है। साथ ही मस्से में खुजली या खून की कमी होने पर खतरा बढ़ जाता है। बताओ कि माससे तब होते हैं, जब त्वचा की क़ीमती मेलानो साइट्स गुच्छे में बढ़ती दिखती हैं। मेलानो साइट्स पूरी तरह से सिद्धांत में मौजूद हैं और मेलेनिन का उत्पादन करते हैं। इसी मॉडल की वजह से सिद्धांतचा का रंग अलग-अलग होता है।

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ज्योतिष शास्त्र में तिलों का रहस्य
ज्योयोतिषशास्त्र में शरीर के अलग-अलग हिसांस पर दिखने वाले तिल या मास के निशान अलग-अलग माने जाते हैं। इसमें ज्योतिष शास्त्र का संबंध भाग्य से माना जाता है। गालों पर आकर्षण क्षमता को मजबूत बनाता है। वहीं, चेहरे पर कहीं भी तिल को धन लाभ वाला माना जाता है। नाक पर तिल होना व्यक्ति के अनुशासित होने का संकेत माना जाता है। यदि नाक के नीचे तिल होता है तो ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के सामान्य धारकों को बहुत अधिक छूट मिलेगी। चतुर्थ पर तिल को संघर्ष के बाद धनवान बनने का संकेत माना जाता है। इसके अलावा, मसालों पर तिल को लेकर बहुत ज्यादा प्रेमी स्वभाव का होना आम बात है। हाथ के बीचो-बीच तिल को सांप को छूने का प्रतीक कहा जाता है।

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अगर किसी मस्से के आकार के रंग या पाइपलाइन में बदलाव हो रहा है तो ये खतरे का संकेत माना जाता है।

लाल तिल का ज्योतिष शास्त्र में अलग मतलब
यदि आदिवासियों के तलवे में तिल हो तो ज्योतिषशास्त्र का कहना है कि जातक हमेशा घर से दूर रहता है, लेकिन बड़ी सफलता प्राप्त करता है। ज्योयोतिषाचार्य, वास्तुशास्त्री एवं शास्त्रशास्त्री एलेक्ट्रोजन कुमार के अनुसार, मरीज़ पर तिल व्यक्ति को पारिवारिक दिशानिर्देशों का सामना करना पड़ता है। वहीं, अगर हीरे के पर्वत या अंगुलियों पर तिल हो तो दुर्भाग्य का कारण माना जाता है। पेट पर तिल धन तो देता है, लेकिन स्वास्थ्य खराब करता है। अगर तिल पर बाल हो तो उसे शुभ नहीं माना जाता है। इसके अलावा गहरे हरे रंग के तिल को जीवन में बड़े पेड़ों का संकेत माना जाता है। वहीं, लाल तिल सांप को अशुभ और दुर्भाग्य दोनों का प्रतीक माना जाता है। यदि लाल तिल चेहरे पर हो तो जीवन में दुर्भाग्य का संकेत मिलता है। वहीं, बाकी का लाल तिल आर्थिक भूगोल का संकेत होता है।

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कौन-से तिल माने जाते हैं सौभाग्यशाली
यदि किसी उत्पाद के सिर के ऊपरी या पिछले हिस्से पर मालिश होती है, तो उसे सौभाग्यशाली माना जाता है। ऐसे जातक बहुत सारे पैसे कमाते हैं। वहीं, ललाट या मस्तक पर मास होना भी सौभाग्यशाली माना जाता है। ऐसे लोग समाज में बहुत सम्मान पाते हैं। दोनों भौह के बीच मास होने पर जातक में कुटिलता आ जाती है। हालाँकि, ऐसे जातक अपने जीवन में हर सुख का भोग लगाते हैं। होठ या गले पर मास या तिल हो तो व्यक्तित्व प्रतिभा के धनी माने जाते हैं। नाक या कान पर मालिश या तिल हो तो वैज्ञानिक बुद्धि होती है। ऐसे लोग नए परिधानों के शौकीन होते हैं। पुरुषों के शरीर पर दाहिनी ओर, जबकि महिलाओं के बायीं तरफ वाले तिल शुभ व माने जाते हैं।

टैग: ज्योतिष, कैंसर, कैंसर बीमा, चिकित्सा



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