
बयासी उल हक काकर, पाकिस्तान के युद्धक।
ईरान पर जवाबी एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया। पाकिस्तान के बीच इस फैसले का कई मायने निकाले जा रहे हैं। ईरान से समझौते में भारी तनाव के बावजूद पाकिस्तान ने व्यापार को प्रभावित न करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान का कहना है कि वह इन तनावों के बीच व्यापार में बाधा नहीं डालना चाहता। इसका मतलब यह भी है कि पाकिस्तान को पता चल जाएगा कि व्यापार प्रभावित होने से उसे बहुत आर्थिक नुकसान होगा। दूसरा अर्थ यह भी है कि पाकिस्तान जवाबी हवाई हमला करने के बाद अब मामले को ज्यादा से ज्यादा हासिल नहीं करना चाहता।
इसलिए पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव के बावजूद अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सभी सीमा चौकियों पर व्यापार के सामान सामान्य रूप से जारी हैं। व्यावसायिक अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मकरान के आयुक्त सईद अहमद उमरानी ने कहा कि शुक्रवार को 100 से अधिक ट्रक ताफ्तान सीमा से ईरान रवाना किए गए। पाकिस्तान ने ईरान के सिएस्तान-ब्लूचिस्तान प्रांत पर “आतंकवादी हमले” का आरोप लगाया, जिसमें नौ लोग मारे गए। इससे पहले ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच अपराधी समूह जैश अल-अदल के दो हमले को अंजाम दिया था।
व्यापार मंडल लैपटॉप जारी
उमरानी ने कहा कि सकारात्मक बात यह है कि दोनों स्टार्स की मस्जिद अब ताफ्तान, गुआदर, केच, पांगुर और वासुक की सीमा चौकियों के माध्यम से व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, ”तनाव के बचे हुए समुद्र तट और बाजारों के आने-जाने से व्यापार सामान्य रूप से चल रहा है।” पंजगुर की हांलाकि मुमताज खेत्रान ने कहा कि तरल पदार्थयुक्त ज्वालामुखीय गैस (शराबीजी) और अन्य सहयोगी दल ईरान के साथ चले गए। सीमा से पाकिस्तान जा रहा है। (भाषा)
