शशिकांत ओझा/पलामू. ठंड में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों और बूढ़ों को होता है। इसमें भी जो छोटे बच्चे छह महीने से कम उम्र के होते हैं, उन्हें पहली बार ठंड लगना बेहद खतरनाक होता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस दौरान छोटे बच्चों में हाइपोथर्मिया बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव विशाल ने बताया कि ठंड का प्रकोप नवजात शिशुओं पर अधिक होता है। उनमें ठंडक के अलावा हाइपोथर्मिया, सीने में जकड़न, शुगर लेवल कम होना, डायरिया (उल्टी होना) जैसी बीमारी के बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में बच्चों की खास दवा रखना बेहद जरूरी है।
हो सकता है हाइपोथर्मिया
आम तौर पर हमारे शरीर का तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस होता है। वहीं नवजात शिशुओं या छोटे बच्चों में ठंड जल्दी कम हो जाती है, जिससे शरीर ठंडा होने से हाइपोथर्मिया हो सकता है। बच्चों का शरीर भी जल्दी ठंडा हो जाता है क्योंकि उनका सरफेस एरिया अधिक होता है। ख़ास तौर पर सिर, पैर और हाथ के तलवे में बहुत जल्दी ठंड लग जाती है। बड़े आदमी के शरीर की गर्मी से ऐसे बच्चों को बचाया जा सकता है। जैसे कंगारू अपने बच्चे को रखता है, ठीक वैसे ही बच्चे को अकेले हो सके कलेज से रखें।
शरीर की गर्मी से बच्चा नहीं ठंडा
ठंड में नवजात बच्चों की खास समस्या का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि शरीर का तापमान घटने से शुगर लेवल कम हो जाता है और उल्टी होने लगती है। ऐसे में 6 महीने तक बच्चों को मां हर दो घंटे पर ब्रेस्ट कराती रहती है, जिससे बच्चों के शरीर का तापमान घटता नहीं है। बताया कि बच्चे हमेशा हॉट कपड़ों से आकर्षक बने रहें। अगर उनके शरीर में जल्दी ठंड लग रही है तो उन्हें अपने शरीर से जुड़ें रखें। बच्चों के साथ-साथ हाथ-पैर और सिर को हमेशा गर्म कपड़े से ढकें।
बाहर के फर्नीचर से दूर
उन्होंने बताया कि 6 महीने तक बच्चे का शरीर ठंडा न पड़े, इसलिए बच्चे को हर दो घंटे तक ब्रेस्ट बॉडी पर रहना चाहिए। रात में भी खजाने वाले बच्चों को हर दो घंटे तक ब्रेस्ट गोदाम में रखा गया। 6 महीने से ज्यादा का बच्चा है तो उसे पानी और मां का पीलापन हो सकता है। छोटे बच्चों को बाहर के खाने या पेटी के टुकड़े से दूर रखें, ताकि उनका पेट खराब न हो। घर का खाना, जिससे उन्हें पेट की समस्या न हो।
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई सलाह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा दी गई चर्चा के आधार पर है। यह सामान्य जानकारी है, कोई व्यक्तिगत सलाह नहीं। हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए डॉक्टरों से सलाह के बाद ही, किसी भी चीज का उपयोग करें। कृपया ध्यान दें, लोकल-18 की टीम का किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई उत्तरदायित्व नहीं होगा।
.
टैग: बच्चे की देखभाल, स्वास्थ्य सुझाव, स्थानीय18, पलामू समाचार
पहले प्रकाशित : 20 जनवरी, 2024, 20:26 IST
