मोहन प्रकाश/सुपौल। उम्र बढ़ने की क्षमता और पर्याप्त खान-पान के कारण लोगों के शरीर के रोग लगातार कम हो रहे हैं। इस कारण सीज़न में आए छोटे से बदलाव से भी प्रभावित होकर ज्यादातर लोग टैलेंट से प्रभावित हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो छोटे सा ये फल इन परेशानियों को दूर कर देगा। जिले के सिमराही नगर पंचायत वार्ड-8 में स्थित आयुर्योग रिसर्च फाउंडेशन के आयुर्वेदाचार्य वैलिड रिस्ट्रिक्ट मिश्र का कहना है कि लेवल के नियमित सेवन से रोग को खत्म करने की क्षमता आधी है।
आयुर्वेदिक रिटेल ने बताया कि आयुर्वेद में आयुर्वेद को अमृत के समान बताया गया है। विशेषकर ठंड के मौसम में यह प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। हरा-हरा सुविधा आसानी से बाजार में मिल जाती है। यह वात, पित्त और कफ त्रिदोष का शमन भी करता है और विपरीत भी करता है। इस कारण से जड़ी-बूटियों से शरीर को काफी फायदा होता है। यह हमारी इम्युनिटी रिकवरी है। इसमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है। इस कारण आंख टूटना, त्वचा, बालों के लिए काफी होता है। यह पेट भी ठीक होता है. आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और खाद्य पदार्थों की सलाह दी गई है।
कच्चा माल सबसे अधिक
आयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि ठंड में जब क्वांटम में मिलावट उपलब्ध होती है, तो कच्चे और ताज़ा जड़ी-बूटियों से अधिक लाभ होता है। इस सीज़न में लोग स्पेशलिटी के शेयर भी मांगते हैं। लेकिन सब्जी में खट्टापन होने से कुछ लोग इसे कच्चा खाना पसंद नहीं करते हैं। इसके लिए संयोजन को पानी में तब तक डुबोएं, जब तक इसमें पीलापन न आ जाए। इसके बाद पानी निकाल कर प्लास्टिक को मोटा सुखाकर किसी भी जार में रख लें। यह इंडस्ट्री एक हफ्ते से 15 दिन तक खराब नहीं होगी और उसका खट्टापन भी चला जाएगा। लेकिन उसका गुण बन जाएगा. सुबह खाली पेट दो से चार ऐसे शाकाहारी भोजन के बाद गुनगुना पानी पीने से सभी को फायदा होगा।
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पहले प्रकाशित : 23 जनवरी 2024, 11:55 IST
