बिट्टू संखं/सरगुजाः- अगर आपके घर में पुराने कपड़े हैं और आप सोच रहे हैं कि उनका चलन खत्म हो गया है, तो आज आपको पुराने कपड़ों के घर के इस्तेमाल के बारे में बता दें। इससे ये फटे-पुराने कपड़े इस्तेमाल में भी आ जाएंगे और आप अपने आस-पास में होने वाले आश्रम से भी बच सकते हैं। आम तौर पर घरों पर पुराने प्लास्टिक के बर्तनों को लोग फेंक देते हैं, जिससे गंदगी फैल जाती है। लेकिन पुराने मॉडलों को बिल्कुल आसान तरीकों से उपयोग में लाकर आप घरेलू वस्तुओं को शामिल कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में बिहार से कुछ युवा आए हैं और उन्होंने एक ऑटो ड्राइवर से जेनरेटर से चलने वाली मशीन चलाई है। इसके पुराने उत्पादों से रुई छोड़ एक अच्छा बिस्तर और ओढ़ने के लिए रजाई तैयार की जा रही है। इन न्यू को बनाने में काफी कम बजट खर्च हो रहा है।
पुराने मॉडल से बन गया गद्दार
रजाई बनाने वाले कलाकार ने बताया कि हमने करीब 2 साल पहले अपने घर के पुराने मॉडल का इस्तेमाल कर गद्दा बनाने का काम शुरू किया था। इसके बाद हम ऑटो ग्राफिक्स मशीन तैयार करके गांव-गांव में घुमकर गद्दा बनाने का काम कर रहे हैं। एक गद्दार में करीब 10 किलों का रुई लगता है. पुराने मॉडल से रुई प्रति किलो 100 रुपये की कीमत से टूट गए हैं। इनमें पुराने जमाने के खिलौनों से बनी गद्दों की प्रदर्शनी बनी हुई है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो पुराना कपड़ा किसी उपयोग में नहीं रहता, उस कपड़े से बने कपड़े के कारण घर का कचरा भी एक तरह से साफ हो जाता है।
नोट:- छत्तीसगढ़ राज्य के प्रमुख समाचारों के लिए निःशुल्क आयोध्या राम मंदिर के दर्शन, जानें नियम और शर्तें
2 घंटे में गद्दा तैयार
यंग आर्टिस्ट्स ने बताया कि पुराने कपड़ों से रुई बनाने और गद्दा तैयार करने में करीब 2 घंटे का समय लगता है। एक दिन में चार लोगों की टीम होती है, जिससे कुल चार गद्दा तैयार किया जा सकता है। इस काम में मेहनत ज्यादा है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ये खुद का काम है. इसलिए यह काम करने में भी शानदार लगता है.
.
टैग: अम्बिकापुर समाचार, छत्तीसगढ़ खबर, स्थानीय18
पहले प्रकाशित : 20 जनवरी, 2024, 17:21 IST
