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सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए इस उम्र में वैक्सीन लगवाना सबसे ज्यादा असरदार, टीकाकरण से बचाव के लिए 5 जरूरी बातें


उत्तर

सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए समय-समय पर परामर्श करानी चाहिए।
एचपीवी वैक्सीन वैक्सीन से सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम: सर्वाइकल कैंसर बास्केटबॉल में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। कैंसर के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की चपेट में आती हैं। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के बच्चोंदानी के मुंह में होने वाला कैंसर है। इसे आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। डॉक्टर्स का अनुमान है कि फ्री इम्यूनिटी, मल्टीपल सेक्सुअल मैड्रिड, जेनिटल हाइजीन की कमी और जल्दी बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं को इसका खतरा ज्यादा होता है। धूम्रपान और शराब से भी बढ़ता है कैंसर का खतरा। इस कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए। भारत में सरवाइकल कैंसर का बोझ काफी हद तक बढ़ रहा है, लेकिन शुरुआती दौर में ही इसकी जांच कर ली जाए तो इससे होने वाली बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

ग्रेटर के फोर्टिस हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. सारिका बैसाखी के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के भाग को लेकर महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। इससे बचने के लिए समय-समय पर जांच करानी चाहिए। अगर 9 साल से कम उम्र की लड़की के प्राइवेट पार्ट से ब्लास्टदार, पीले-हरे रंग या खून से सना हुआ कोई स्राव हो रहा है, तो उसे तुरंत सिंक्रोनाइज़ेशन को दिखाना चाहिए। किसी भी महिला को नियमित मासिक धर्म के बीच स्पॉटिंग हो या संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए। ये सभी वजाइनल इंफेक्शन के संकेत हैं, जिनसे कैंसर का इलाज संभव नहीं है। जिन लड़कियों की उम्र कम से कम 9 साल और उससे ज्यादा से ज्यादा 45 साल है, उन्हें सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।

ग्रेटर कैलास के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राका गुलेरिया धूम्रपान, शराब का सेवन और गर्भ निरोधकों के लंबे समय तक इस्तेमाल से भी महिलाओं में सरवाइकल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। हर तीन साल में पैप परीक्षण से सर्वाइकल कैंसर से बचाव में मदद मिलती है। सर्वाइकल कैंसर के लिए एक सामान्य डॉक्टर टेस्ट पैप स्मीयर है। पैप्स स्मीयर सर्वाइकल कैंसर के टेस्ट का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह 21 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए है। सर्वाइकल कैंसर के अल्ट्रासाउंड टेस्ट के रूप में 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए पैप डुओ टेस्ट होता है। इसमें पैप्स स्मीयर और एचपीवी डीएनए टेस्ट दोनों शामिल हैं। सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए हर तीन साल में पैप स्मीयर डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत होती है।

फ़ोर्टिस ला फ़ेम की सिंगिंगेकॉस्टिशन डॉ. मधु गोयल कहा जा रहा है कि सर्वाइकल कैंसर मैरोन पेपिलोमा वायरस के कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन कुछ प्रकार की एचपीवी से सुरक्षा भी प्रदान करती है। टीका 9 से 45 साल की उम्र के बीच दिया जा सकता है लेकिन 11 से 12 साल की उम्र के बीच सबसे अच्छा माना जाता है। यह एक नॉनएवेलेंट वैक्सीन जो 4 स्ट्रेन से सुरक्षा के रूप में उपलब्ध है। यह नॉनएवेलेंट वैक्सीन जो 9 स्ट्रेन से सुरक्षा के रूप में उपलब्ध है। 15 वर्ष से कम आयु में 0 और 6 माह के अंतराल पर 2 खुराक की आवश्यकता होती है। 15 वर्ष की आयु के बाद 0, 2 और 6 माह पर 3 खुराक की आवश्यकता होती है।

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