लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा:- राजनंदगांव और खैरागढ़ जिले के जंगल हमेशा अपनी जैव विविधता लेकर आते हैं। वेल्स के प्रेमी-प्रेमिकाओं के सामने रोमांचित होने वाली खबर आई है। असली खैरागढ़ जिले के धारखड़ा रिजर्व फॉरेस्ट में चांगले हॉक ईगल के सब एडल्ट को अविभाजित राजनांदगांव जिले में पहली बार देखा और साथ ही रिकॉर्ड किया गया है। ये पक्षी प्रायः केवल बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय उद्यानों के अलावा मठों में ही दिखाई देते हैं। ऐसे में यहां खैरागढ़ क्षेत्र के जंगल में दिखाई देने वाले पक्षी प्रेमी आनंद और रोमांचित हो रहे हैं।
क्षेत्र में पहली बार संगठनात्मक प्रदर्शन शीर्षक हॉक ईगल
ऑर्नेथ चांग्लाक प्रतीक ठाकुर ने अपने कैमरे में इस चांगले हॉक ईगल का फोटो वीडियो रिकॉर्ड किया और बताया कि खैरागढ़ और राजनांदगांव जिले में पहली बार एन्चेल हॉक ईगल नाम का पक्षी रिकॉर्ड हुआ है। इस खंड में हॉक ईगल पक्षी की विशेषता यह है कि बचपन से लेकर बढ़ती उम्र तक आपके शरीर का रंग बदलता रहता है, इसलिए इसका नाम खंड खंड हॉक ईगल पड़ा है। इसका ऊपरी भाग अरविन्दवाती में भूरा है, उसके बाद मोटापे और धीरे-धीरे में कई रंग बदलते रहते हैं। ये ईगल अक्सर चुप रहती है और आवाज बहुत कम होती है। लेकिन प्रतीक ठाकुर ने इसकी आवाज (कॉलिंग) भी रिकॉर्ड कर ली है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह आपके रहने के लिए क्षेत्र बना हुआ है। ईगल के इस आर्किटेक्चर के बाद ही लगातार विभिन्न क्षेत्रों के पक्षी प्रेमी इस जंगल का रुख कर रहे हैं।
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चांगलुअल हॉक ईगल की ये है प्रकृति
ऑर्नेथोलैजिस्ट प्रतीक ठाकुर ने बताया कि वयस्क परिवर्तनशील बाज-ईगल आम तौर पर ऊपर से गहरे भूरे रंग के होते हैं और नीचे पतले सफेद रंग में होते हैं। विभिन्न प्रकार के वन और लकड़ी के वन अक्सर पाए जाते हैं। यह प्राथमिक भोजन में मेमल, छोटे पक्षी, सरीसृप और कई जीव पाए जाते हैं और यह नेशनल पार्क के अलावा सैंचुरी के बाहर पाए जाते हैं। यह रिजर्व फॉरेस्ट में बहुत कम देखने को मिलता है। यह पक्षी राजनंदगांव और खैरागढ़ जिले में पहली बार देखने को मिलता है, क्योंकि बहुत से ब्रेड्स लवर्स इसकी तस्वीर खींचते आ रहे हैं।
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पहले प्रकाशित : 24 जनवरी 2024, 17:22 IST
