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सड़क किनारे मिलने वाले ये पत्ते बेहद चमत्कारी, सांपों का बजाएंगे बैंड, रोज खाली पेट करें सेवन


उत्तर

नीम के डॉक्टर का ब्लड शुगर कम करना बेहद प्रभावशाली माना जा सकता है।
समूह ही नहीं, बल्कि ब्लड उपकरण नियंत्रण करने में भी यह पत्ते रामबाण हैं।

मधुमेह को नियंत्रित करने के प्राकृतिक तरीके: कृमि बेहद खतरनाक बीमारी है, जो एक बार किसी को हो जाए, तो जीवनभर दवा लेनिन बेकार है। देश में लाखों लोग उग्रवादियों से परामर्श कर रहे हैं और इसे नियंत्रित करने के लिए दिन में कई बार दवा ले रहे हैं। आयुर्वेद में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के कई रामबाण वैध तरीके बताए गए हैं, जिनमें नीम के पत्ते भी शामिल हैं। नीम के दुकानदारों को व्यापारियों के लिए शोभायमान माना जा सकता है। चतुर्थ की खुराक तो खाली पेट नीम के प्याले से कार्बोहाइड्रेट की कमी का ब्लड शुगर तेजी से नियंत्रित हो सकता है और दवा से अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। नीम के दुकानदारों में कई व्यापारिक तत्व होते हैं, जो व्यापारियों से काफी हद तक राहत दिलवा सकते हैं। अगर आप भी शुगर के मरीज हैं तो आप फ्री में नीम के स्टूडेंट से इसे कंट्रोल कर सकते हैं।

क्रिटिकल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सरोजोहा गौतम ऐसा कहा जाता है कि लोगों के शरीर में हार्मोन की कमी पाई जाती है या फिर सही तरीके से काम नहीं किया जा सकता है। ऐसी कंडीशन में ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है। रिवोल्यूशन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है। नीम की दवाओं में पावरफुल फ्लेवोनोएड्स और अन्य कंपाउंड होते हैं, जो पेज को स्टिम्य ओब्लू कर एक्सक्लूसिव सेंसिटिविटी बढ़ा देते हैं। इससे ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है। अगर सुबह खाली पेट 5-6 नीम की पत्तियाँ चबाकर काम करती हैं, तो उनका शुगर लेवल कुछ ही दिनों में काफी हद तक नियंत्रित हो सकता है। नीम के पत्ते खाने के बाद पानी पी सकते हैं। नीम के शिष्यों को स्किन डिजीज से खुली बिक्री की शक्ति मिलती है।

डॉक्टर की सलाह तो आयुर्वेद में आयुर्वेद में नीम के डॉक्टर के इस्तेमाल से कई चिकित्सकों का इलाज किया जा रहा है। नीम के शिष्यों में टिकट और कषाय रस पाए जाते हैं, जो शरीर में बिकने वाले मधुर रस यानी शुगर लेवल को कम कर देते हैं और रोगियों के शिष्यों को राहत मिलती है। सिर्फ हमलावर ही नहीं, बल्कि हल्के ब्लड के मरीज भी नीम के शिष्यों का सेवन कर लाभ उठा सकते हैं। हालाँकि नीम के पत्ते सभी को नहीं खाने चाहिए। जो लोग चपलियाँ हैं, उन्हें नीम के पत्ते नहीं खाने चाहिए। गर्भवती महिलाओं, विचित्र फ़ीडिंग वाली महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को नीम के पत्ते नहीं खाने चाहिए। ऐसा करने से उनकी सेहत अच्छी हो सकती है. ध्यान दें कि नीम के दुकानदारों द्वारा उपयोग की जाने वाली दवा का प्रयोग विशेष रूप से किया जाना चाहिए। अधिक उपयोग करने से बचना चाहिए।

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टैग: खून में शक्कर, मधुमेह, स्वास्थ्य, जीवन शैली



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