रिपोर्ट-सुमित राजपूत
. विश्वास नहीं होगा. लेकिन सच है. एक ऐसा गांव जहां की ज्यादातर महिलाएं हैं माँ नहीं बन सकती. इन सार्वभौम यूट्रस को हटा दिया गया है। इन सभी महिलाओं की नई नई शादी हुई थी। बस उसके बाद ही ये विपत्ति उन पर आ पड़ी। हालाँकि गाँव में ये समस्या क्यों है इसके बारे में कोई नहीं बता रहा है।
महिलाओं में नि:संतानता किसी भी भार से कम नहीं। मां बनने का सपना हर महिला का होता है लेकिन शादी के बाद डॉक्टर अपने यूट्रस को ही बाहर कर दे तो क्या करेगा? राजधानी से सटे प्रदेश गौतमबुद्ध नगर के एक गांव मोमनाथल की महिलाएं ऐसी ही दंश झेल रही हैं। इस गांव में अंगूर महिलाओं के यूट्रस नीचे दिए गए हैं। डॉक्टर ने बताई ये वजह यूट्रस में रसौली या कैंसर. जबकि कुछ महिलाओं को इसकी वजह ही नहीं बताई गई।
ये कभी नहीं बनेगी मां
यह गांव सेक्टर 149 क्षेत्र में स्थित है। मोमना महल गांव की जनसंख्या करीब 800 है। इनमें से 200 महिलाएं हैं. इनमें से करीब 70 प्रतिशत महिलाओं का यूट्रस निकाला गया है। इन महिलाओं के बच्चे नहीं होते और अब ये कभी मां नहीं बन सकतीं.
होटल्स के समय की शुरुआत हुई समस्या
गांव की महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में ऐसे औरतों की संख्या बहुत ज्यादा है. उनकी सबसे अलग ही क्लोज़ एक क्रोकेट महिलाओं की यूट्रस सर्जरी की गई। गांव की बात करें तो यहां 60 से 70 फीसदी महिलाओं को है ये समस्या. होटल्स के समय संकट हुआ तो डॉक्टर को दिखाया गया। कई साल इलाज के बाद भी यूट्रस निकलवाना पेज। हालांकि ये बात किसी को नहीं बताई जा रही है कि आखिर इस गांव में ऐसा क्या है जो महिलाओं में ये समस्या आम है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सरकारी अस्पताल सीएससी की डॉक्टर मीरा पाठक का कहना है कि यूट्रस लेना अंतिम विकल्प नहीं है। कैंसर या मेडिकल मशीनरी फेल हो गई तब कंडीशन में यूट्रस का उत्पादन हुआ। वो सलाह देते हैं कि किसी भी महिला या शादी से पहले किसी भी लड़की को किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वास्तव में ऐसी कोई समस्या नहीं है अन्यथा ऐसी समस्या हो सकती है।
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पहले प्रकाशित : 25 जनवरी 2024, 18:54 IST
