संजय यादव/बाराबंकी: वैसे तो हमारे देश में आयुर्वेद से इलाज चल रहा है। आज भी कई औषधीय औषधियों का उपयोग लोग करते हैं। हमारे यहां बहुत से ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जिनमें लोग अकेलेपन को समझ कर नष्ट कर देते हैं। वहीं कुछ लोग वैल्यूएशन ट्री-टेक्नोलॉजी को कई औषधियों के उपयोग में लाते हैं। हम बात कर रहे हैं खेत-खलियान और जंगल में पाए जाने वाले एक साधारण सा दिखने वाला पौधा अपामार्ग की, जो आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।
इस उपाय की बात करें तो इसके कई नाम हैं. लोग इसे अपामार्ग, स्क्रैच, लताजीरा के नाम से भी जानते हैं। आम तौर पर ये कांटेदार पौधा होता है। इस उपाय में नीचे चौड़ी पत्ती और ऊपर एक लता होती है। जिनमें शामिल हैं. यह पौधा दो से मजबूत पैर का होता है। इस प्रयोजन की जड़ वनस्पति ताना कई गोदामों से है. सफेद अपरामार्ग के पत्ते और पत्ते हरे और भूरे सफेद रंग के होते हैं। इस पर जौ के समान लंबे बीज शामिल हैं। लाल अपामार्ग के दांत लाल रंग के होते हैं और पटाखों पर भी लाल रंग के छींटें होते हैं।
औषधीय गुणधर्म अपरामार्ग है
जिला अस्पताल के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर अमित वर्मा ने बताया कि आयुर्वेद में अपामार्ग को बहुत अच्छा माना जाता है। यदि कोई साँप, बिछुड़ू या साधू जंतु काटता है, तो अपामार्ग की नामांकित का रस जयपुर में सभी रोगियों को पिला दिया जाता है, तो बहुत जल्दी उसका जहर उतर जाता है। साथ ही जिन राक्षसों में मासिक धर्म से जुड़े रोग भी शामिल हैं, यह भी बहुत अच्छा काम करता है। साथ ही पुरानी पुरानी खांसी खांसी हो इसके विश्राम और जड़ को पीसकर आकृतियाँ बना कर शहद के साथ दिया जाए, तो खांसी में फायदा होता है।
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पहले प्रकाशित : 25 जनवरी, 2024, 08:38 IST
