रामकुमार नायक, रायपुर- यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी ने छत्तीसगढ़ के 11 मठों सहित 432 विद्यार्थियों में लोकपाल की घोषणा का अंतिम आदेश जारी कर दिया है। यूजीसी द्वारा पूर्व में भी अध्येताओं को लोकपाल की सिफारिशें करने के निर्देश दिये गये थे। संस्था के कुछ होटलों में ही लोकपाल की दुकान की गई। अधिकांश हिट्स ने इसे लाइक से नहीं लिया और लोकपाल की सलाह नहीं दी। इसके बाद यूजीसी ने 31 जनवरी को सभी आवेदकों को लोकपाल की पेशकश करने के लिए कहा है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में मस्टीच्युटी को डिफ़ाल्टर घोषित करने की चेतावनी दी गई है।
छत्तीसगढ़ के इन ट्रस्टों के नाम की सूची में
1.अस्थिर बिहारी विश्वविद्यालय बिलासपुर
2. आयुष विश्वविद्यालय, रायपुर
3. छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग
4. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग
5. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर
6. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़
7. आईआईआईटी रायपुर
8. कुशाभाऊ टेकरी विश्वविद्यालय, रायपुर
9. महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय, पाटन
10. सरगुजा विश्वविद्यालय, अंबिकापुर
11. शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़
क्या होता है लोकपाल के कार्य
लोकपाल द्वारा विद्यार्थियों से जुड़े प्रसंगों का रहस्योद्घाटन किया जाएगा। वित्तीय संस्थानों से लेकर सभी तरह के दस्तावेज, मूल्यांकन कार्य और इस तरह के सभी पहलुओं को लेकर छात्र लोकपाल के पास जायें। विश्वविद्यालय एक संस्था है, जांच की जिम्मेदारी लोकपाल पर होगी। इसके अलावा ऑर्केस्ट्रा में ऑर्केस्ट्रा रिडर्सल कमेटी का गठन करने की बात कही गई है। इस समिति में कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों की चार स्टाफ टीमें बनी रहेंगी। छात्रों को सबसे पहले अस्कोलांस समिति में शिकायत करनी होगी। छात्र यदि जजमेंट से सहमत नहीं हुआ, तो मामला लोकपाल के पास भेजा जाएगा।
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पहले प्रकाशित : 26 जनवरी, 2024, 19:59 IST
